कटिहार: इस ऊमस भरी गर्मी में पिछले एक सप्ताह से बिजली की आंख-मिचौनी बदस्तूर जारी है, जिसके कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बार-बार लाइन काटने का दस्तूर बिजली विभाग की ओर से कोई नया नहीं है, बल्कि प्रत्येक साल गर्मी पड़ते ही यह सिलसिला चालू हो जाता है. बार-बार बिजली काटने की जानकारी लेने के लिए जब बिजली विभाग में उपभोक्ता द्वारा फोन किया जाता है, तो विभाग की ओर से कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं दिया जाता है. या यूं कहें कि विभाग इस पर चुप्पी साध लेता है.
छोटे पदाधिकारी से लेकर बड़े पदाधिकारी तक इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जो खेद का विषय है. कोरोना संक्रमण काल में बिहार में फिर एक बार लॉकडाउन लग जाने के बाद जनजीवन थम सा गया है. लोग लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने अपने घरों में रह कर इस बीमारी से बचाव कर रहे हैं. इस लॉकडाउन में लोगों के लिए एकमात्र विकल्प बिजली ही है. बिजली रहने के कारण लोग अपने अपने घरों में टीवी देख कर या फिर बिजली से अन्य कार्य कर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं. बढ़ती भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. इस समय गर्मी से बचने के लिए उन्हें बिजली की सख्त आवश्यकता पड़ रही है. लेकिन बिजली के बार-बार आने जाने से लोगों को दोहरी मार झेलने को विवश होना पड़ रहा है.
राजस्व देने में अव्वल रहा है जिला, फिर भी आपूर्ति में बदहाल : बिजली विभाग को राजस्व देने में कटिहार जिला हमेशा अव्वल रहा है. इसके लिए विभाग के कई पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया जा चुके है. पूर्व में कटिहार के डीएम को भी बिजली विभाग ने इस संबंध में सम्मानित कर चुका है. फिर भी उपभोक्ताओं को सुविधा नहीं मिलना कई सवालों को खड़ा कर रहा है. विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों के उदासीन रवैया के कारण सरकार के उस घोषणा को ठेंगा दिखाता है कि बिहार में निर्बाध रूप से आपूर्ति बिजली की आपूर्ति किया जा रहा है. इसका उदाहरण जिले में अभी बिजली की व्यवस्था देख कर की जा सकती है.