हर कर्बला के बाद इस्लाम होता है जिंदा : मौलाना मेराज

हर कर्बला के बाद इस्लाम होता है जिंदा : मौलाना मेराज

By Prabhat Khabar News Desk | July 14, 2024 10:57 PM

बलिया बेलौन. इस्लामी साल का पहला महिना मोहर्रमुल हराम 61 हिजरी को हजरत सैयदना इमाम हुसैन रदीअल्लाह अन्हो ने इमान की हिफाजत करते हुए कर्बलाए मोअल्ला इराक में जाम ऐ शहादत पी कर अहले खानदान एंव 72 साथियों के साथ शहीद हो गये. इस जंग में इमान की हिफाजत करते हुए शहीद होना मंजुर किया, लेकिन यजीद काफीरों के साथ सूलह नहीं किया. उक्त बातें बताते हुए मौलाना मेराज आलम ने कहा की कत्ल ए हुसैन असल में मरगे यजीद है, इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद. उन्होंने बताया की प्यारे नबी हजरत मोहम्मद सल्ललाह अलेहोसल्लम के प्यारे नवासे हजरत इमाम हुसैन एंव इमाम हसन ने यजीदीयों के हुक्म को नहीं मान कर अल्लाह ताला के बताये रास्ते पर चलना मंजुर किया. इस के बदले यजीदीयों ने इमाम हुसैन के काफला के लिए पानी बंद कर दिया. जंग करने पर मजबुर किया. इतनी तकलीफ ज्यादती सहने के बाद भी काफीरों का हुक्म नहीं माना, मुल्क इराक के कर्बला में शहीद हो गये. मौलाना मेराज आलम ने कहा की बुधवार को मोहर्रमुल हराम के 10 वीं को कर्बला शांति से मनाने की अपील करते हुए कहा की किसी को हुरदंग करने की शरीयत इजाजत नहीं देती है. इस दिन इबादत करना, रोजा रखना, नमाज अदा करना सब से अफजल है. शरीयत ए मोहम्मदी खरोफात करने की इजाजत नहीं देती है. उन्होंने कहा की इस वर्ष बुधवार को क्षेत्र के भेलागंज, रेयांपुर, शिकारपुर, बलिया बेलौन, सालमारी, इमादपुर,आदि कर्बला मैदान में हजारों की संख्या में अकीदत मंद पहुंच कर मोहर्रम का रशम पूरा करता है. लोगों को एक दुसरे के भावनाओं का ख्याल रखते हुए यह रशम अदा करना चाहिए. कुछ ऐसा नहीं करें, जिस से दुसरे के भावनाओं को ठेस पहुंचे. इस अवसर पर प्रशासनिक पदाधिकारी दंडाधिकारी पुलिस बल तैनात रहता है. कर्बला के दिन किसी तरह की हुरदंग करने से कानूनी कार्रवाई हो सकती है. उन्होंने बताया की मोहर्रम के मौके पर मरकजी रोयते हलाल इस्लाह कमेटी की ओर से 72 शहीदों की याद में पौधारोपण किया जायेगा. इस से पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी.

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