साबून, सर्फ, शैंपू बनाकर अपनी तकदीर संवार रहीं जीविका दीदी
आधी आबादी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. जिले के कोढ़ा प्रखंड के बिशनपुर पंचायत के मवैया गांव डेढ़ दर्जन से अधिक महिलाएं संयुक्त रूप से एक सिल्की साइन जीविका महिला कॉस्मेटिक उत्पादक समूह बनाकर जीविका से ऋण लेकर एक दर्जन अपना प्रोडक्ट तैयार कर अपनी जिंदगी को बेहतर बना रही हैं.
एडी खुशबू, कोढ़ा
आधी आबादी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. जिले के कोढ़ा प्रखंड के बिशनपुर पंचायत के मवैया गांव डेढ़ दर्जन से अधिक महिलाएं संयुक्त रूप से एक सिल्की साइन जीविका महिला कॉस्मेटिक उत्पादक समूह बनाकर जीविका से ऋण लेकर एक दर्जन अपना प्रोडक्ट तैयार कर अपनी जिंदगी को बेहतर बना रही हैं. इन महिलाओं के जीविका की एक पहल कार्यक्रम के तहत सिल्की प्राइवेट लिमिटेड बनाकर साबून, सर्फ, मशरूम आचार,शेम्पू, बल्ब, टॉयलेट किलिनर, फिनाइल,बड़ी, अगरबत्ती आदि खुद से तैयार कर बाजार में उपलब्ध करा रही हैे. जीविका के तैयार किये गये उत्पाद को बाजार भी मिल रहा है. जीविका के तैयार किये गये मशरूम का आचार दिल्ली के बाजार के साथ-साथ राज्य के सोनपुर मेले में नाबार्ड द्वारा लगाये गये स्टॉल में शामिल किया गया था. यहां जीविका के बनाये आचार की काफी प्रशंसा और डिमांड है. कोढ़ा के बिशनपुर पंचायत के मवैया गांव की अधिक महिलाएं अपने हाथों से अपनी किस्मत बदल रही हैं. इसका जरिया बन रहा है उसके द्वारा तैयार किये गये उत्पाद. सिल्की साइन जीविका महिला कॉस्मेटिक उत्पादक समूह के जरिये महिलाओं की आमदनी हो रही है. वो आत्मनिर्भर बन रही हैं.आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलाएं
प्रखंड के मवैया गांव की महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रही है, बल्कि खुद के और अपने परिवार के लिए बेहतर जिंदगी के सपने को भी संवार रही हैं. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली मवैया गांव की जीविका दीदी सर्फ, साबून, बल्ब, टॉयलेट क्लीनर, फिनाइल, मशरूम अचार, शैंपू, अगरबत्ती उत्पादन में जुटी हैं. जीविका की ये महिलाएं अपने घर में ही उत्पादन तैयार कर ये महिलाएं आर्थिक रूप से सबल बन रही हैं. समाज की प्रगति में अपना योगदान भी दे रही हैं.जीविका को आर्थिक मदद की है दरकार
जीविका दीदी राजकुमारी देवी, रंजना देवी, ललिता देवी, जयमंती देवी, भारती देवी, मेरी मरांडी, पिंकी देवी, खुशबू देवी आदि ने बताया कि हमलोगों को एक वर्ष पूर्व जीविका के एक समूह बनाकर प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में मधुमक्खी पालन, बागवानी, मशरूम पालन, अगरबत्ती बनाने आदि की प्रशिक्षण दिया गया था. प्रशिक्षण देने के बाद हम लोगों को ऋण भी उपलब्ध कराया गया. कुछ महिलाएं ऋण उपलब्ध करने के बाद अपना छोटा-मोटा कारोबार करने लगीं. वहीं कोई बकरी पालन तो कोई मशरूम पालन भी करने लगी. बताया कि कुछ नया करने की सोच ने हिम्मत दी और सिल्की साइन जीविका महिला कॉस्मेटिक उत्पादक समूह बनाया. इसमें 20 महिलाओं को शामिल किया और उसके बाद हमलोग अपना उत्पादक समूह से साबून, शैंपू, सर्फ, मशरूम आचार, बल्ब, अगरबत्ती आदि बनाने लगे. अपने उत्पादक समूह से तैयार की गयी सामग्री को घर घर जाकर लोगों को बताया और इसका इस्तेमाल करने से क्या फायदे हैं इसकी जानकारी दी. इस वजह से हमारे उत्पाद को बेहतर बाजार भी मिलने लगा है. जीविका दीदियों ने बताया है कि सर्वप्रथम जीविका द्वारा तैयार किये गये उत्पाद को जीविका के द्वारा चलायी जा रही दुकानों में उपलब्ध करा दिया गया है. जल्द ही राज्य के सभी दुकानों पर सिल्की साइन जीविका महिला कॉस्मेटिक उत्पादक समूह के द्वारा तैयार की गयी सामग्री उपलब्ध हो जायेगी. हालांकि इस मामले में इन महिलाओं को और भी मदद की दरकार है. महिलाओं का कहना कि हाल में करीब एक दर्जन तैयार किये गये उत्पादों को बाजार में उपलब्ध भी करा दिया गया है. जिस अनुपात में अन्य बाजारों में भी जाना चाहिए उसके लिए और राशि की जरूरत है.डीपीएम ने महिलाओं के कार्य को सराहा
जीविका डीपीएम इंद्रशेखर इंदु ने कहा कि कटिहार जिले के लिए गौरव की बात है कि कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के बिशनपुर पंचायत के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के मवैया गांव के जीविका संगठन के द्वारा अपना प्रोडक्ट तैयार कर बाजार में उतार दिया है. उन्होंने जीविका संगठन समूह के सराहना करते हुए कहा कि सिल्की साइन जीविका महिला कॉस्मेटिक उत्पादक जो जीविका दीदियों का समूह है. आगे बढ़ाने के लिए आगे भी मदद करेंगे, ताकि जीविका दीदियों का सिल्की साइन जीविका महिला कॉस्मेटिक उत्पादक समूह के द्वारा तैयार किये गयेप्रोडक्ट बाजार में सभी दुकानों में उपलब्ध हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है