कटिहार. जिले में जुगाड़ से बने गाड़ी का परिचालन धड़ल्ले व बेरोकटोक से हो रहा. इसके चालकों को ना तो परिवहन विभाग का डर है और ना ही किसी प्रकार का जुर्माना का. जिस कारण सैकड़ों की संख्या में जुगाड़ गाड़ी परिचालन जिले में हो रहा है. जबकि परिवहन विभाग उसे वाहन नहीं मानती. तो सवाल उठता है कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ व जान जोखिम में डालने के लिए जिला प्रशासन ऐसे जुगाड़ से बने वाहन को सड़कों पर चलने के लिए छोड़ दिया है. आखिर ऐसी गाड़ियों पर प्रशासन क्यों नहीं रोक लगा रही है. प्रशासन के लिए आमजनों की जान की कोई मोल नहीं है.
परिवहन विभाग के अधिकारियों के सामने से गुजरते रहती है जुगाड़ वाहन, विभाग मौन
जहां एक ओर परिवहन विभाग सहित ट्रैफिक पुलिस मोटर एक्ट उल्लंघन को लेकर वाहनों के दस्तावेज, फिटनेस, इंश्योरेंस, निबंधन के कागजातों की जांच करती दिखती है. दूसरी ओर उसके सामने से जुगाड़ गाड़ी गुजरती रहती है. परिवहन विभाग जुगाड़ गाड़ी को देखकर भी अनदेखा करते हैं. इस मामले में परिवहन विभाग मूकदर्शक बन जाती है. जबकि कार, ऑटो, मोटरसाइकिल एवं बस चालक जो वाहनों के कई प्रकार के टैक्स देने के बावजूद अगर फिटनेस या ड्राइवरी लाइसेंस या फिर वाहन से संबंधित किसी दस्तावेज में हल्की सी कोई चूक हो जाती है या फिर फिर उसकी तिथि समाप्त हो जाती है तो सरकारी नूमांइदे उनपर पूर्णत हावी हो जाते है. दिन के हिसाब से जुर्माना ठोकती है. जुगाड़ गाड़ी के नाम पर जिले में सरकारी नुमाइंदे के दो चेहरे दिखते है. एक ओर जो वाहन चालक अपने गाड़ी के इंश्योरेश, फिटनेश, धुआं का पेपर, टैक्स देकर गाड़ी चलाते है. लेकिन वहीं जुगा़ड गाड़ी बिना किसी फाईन, टैक्स रोड के सड़कों पर फर्राटे व धुआं फेंकते नजर आती है. जिसे राजस्व का नुकसान तो होता है. साथ में लोगों की जान भी जाने का डर बना रहता है. आखिर ऐसे जुगाड़ पर रोक क्यों नहीं.
आखिर जुगाड़ की टक्कर व दुर्घटना में हुई मौत का कौन जिम्मेवारबलरामपुर थाना क्षेत्र में जुगाड़ गाड़ी के पलटने से पिछले दिनों तीन लोगों की मौत हो गयी. जबकि इस घटना को सुन एक घायल की पत्नी की भी मौत हो गयी. जिले में जुगाड़ गाड़ी से यह पहली घटना नहीं है. एनएच 31 के कोढ़ा थाना क्षेत्र में बीते माह पूर्व जुगाड़ गाड़ी वह मोटरसाइकिल की टक्कर में दो युवक की मौत हो गई थी. जबकि बारसोई अनुमंडल के विभिन्न थाना क्षेत्र में जुगाड़ गाड़ी की टक्कर से कई लोगों ने अपनी जान गंवाये हैं. आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन है.कहते हैं डीटीओजुगाड़ गाड़ी का परिचालन पूरी तरह से अवैध है, जिसके विरुद्ध परिवहन विभाग अब सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गयी है. जिले में नहीं होगा अब जुगाड़ गाड़ी का परिचालन.
बालमुकुंद प्रसाद, जिला परिवहन पदाधिकारी, कटिहारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है