Katihar News : सरोज कुमार, कटिहार. जिले में पहली बार किसान अंजीर की खेती कर अपनी आय को दोगुनी करेंगे. विभाग द्वारा पहली बार कटिहार जिले में दो हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य उद्यान विभाग को दिया गया है. इसकी खेती करने वाले किसानों को तीन किस्तों में 50 हजार रुपये का अनुदान भी मिलेगा. अंजीर की खेती के लिए किसानों का ऑनलाइन आवेदन कार्य शुरू कर दिया गया है. पहली किस्त के तहत 30 हजार, दूसरी किस्त 10 हजार व तीसरी किस्त में किसानों को 10 हजार, कुल पचास हजार का अनुदान निर्धारित है. ऐसा उद्यान विभाग के पदाधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है.
दोमट मिट्टी में होती है खेती, 25-35 डिग्री तापमान जरूरी
कृषि विज्ञान केंद्र कटिहार के पौधा संरक्षण विभाग के वैज्ञानिक डॉ जावेद ने कहा कि किसानों के साथ आमलोगों के लिए भी यह खेती वरदान साबित होगी. यह काफी महंगा बिकता है. आमलोगों के लिए यह नया होगा. इसकी खेती सफलता पूर्वक व आसानी से हो जाती है, तो इससे किसानों को खासी आय होगी. अंजीर की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली गहरी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. ठंड प्रदेशों के अलावा 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान में अंजीर के पौधे खूब तेजी से बढ़ते हैं. इस बीच मिट्टी का पीएच मान 6-7 के बीच होना चाहिए. अंजीर की खेती से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए सबसे पहले मिट्टी की जांच कराने की सलाह दी जाती है. भारत में तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश में ही अंजीर के ज्यादातर बागवानी है. कम पानी वाले इलाकों में अंजीर की खेती कर किसान काफी अच्छा उत्पादन कर सकते हैं. चार से पांच साल बाद अंजीर के पेड़ से 15 किलो तक अंजीर की पैदावार ले सकते हैं.
किसानों को मिलेगा बेहतर मुनाफा
केवीके पौधा संरक्षण वैज्ञानिक डॉ जावेद ने कहा कि अंजीर एक फल है. इसकी फसल सामान्य खाद, पानी व तापमान में होती है. अंजीर की व्यवसायिक खेती ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कनार्टक, तमिलनाडु व कोयम्बटूर के पश्चिमी हिस्सों तक ही सीमित है. अंजीर की खेती अब कटिहार जिले में होगी. इससे किसानों को भविष्य में काफी लाभ मिलेगा. दूसरी बागवानी फसलों की तरह ही कम लागत में अंजीर के पौधों की रोपाई कर पहली ही फसल से 12 हजार रुपये और प्रति हेक्टेयर 30 लाख तक की आमदनी कर सकते हैं. अंजीर की खेती से अच्छी क्वालिटी का उत्पादन कर किसानों को काफी मुनाफा मिल सकता है.