स्वास्थ्य विभाग भव्या एप्लीकेशन पर मरीज को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में पिछड़ा
चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को मिला था प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के अंतर्गत भव्या एप्लीकेशन पर मरीज को स्वास्थ्य मुहैया कराने में कटिहार जिला बिहार के सभी जिलों से पिछड़ गया है. इस एप्लीकेशन के तहत स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से डिजिटल पेपरलेस होना है. इसको लेकर जिला के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से लेकर डॉक्टर कर्मियों तक प्रशिक्षण ले लिया है. यहां तक की इस एप्लीकेशन पर काम करने के लिए सभी संसाधन भी जिला स्वास्थ्य विभाग को मुहैया करा दिया गया है. इसके बावजूद भी अब तक सदर अस्पताल में इस एप्लीकेशन पर मरीज को स्वास्थ्य मुहैया कराने में नाकाम है. इसको लेकर भव्या एप्लीकेशन के बारे में स्वास्थ्य विभाग के सभी को प्रशिक्षित किया गया है. जिससे वह पूरे सिस्टम को जान सके और अपने आप को इसके लिए तैयार कर सके. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि हॉस्पिटल इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम के माड्यूल अर्थात अपॉइंटमेंट, क्यू, रजिस्ट्रेशन, इमरजेंसी, बिलिंग, नर्सिंग डेस्क, डॉक्टर कंसल्टेशन, लैबोरेट्री, रेडियोलॉजी, फार्मेसी, रोस्टर, आईपीडी, ऑपरेशन थिएटर, क्वालिटी, डायट, मेडिको लीगल केस, इन्वेंटरी, स्टोर, एमआईएस, लाइंस और लॉन्ड्री इन सभी माड्यूल के माध्यम से अस्पतालों में दिए जा रहे सभी सुविधाओं को पेपर लेस किया जाना है. इसको लेकर जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर कर्मियों को भव्या एप्लीकेशन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. सदर अस्पताल के सभागार में इसको लेकर 27 फरवरी से आगामी 14 मार्च तक बारी बारी से सभी विभागों के संबंधित पदाधिकारी व कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. ताकि जल्द जिला में भव्या एप्लीकेशन पर मरीज को स्वास्थ्य लाभ दिया जा सके. इसको लेकर हर जगह टैब भी दिये गये हैं. हर संसाधन को मुहैया कर दिया गया है. इसके बावजूद भी अभी तक इस एप्लीकेशन पर काम शुरू नहीं हो पाया है. जबकि बिहार के सभी जिलों की बात करें तो सभी जगह भव्या एप्लीकेशन पर ही मरीजों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा रहा है. ऐसे में इस मामले में कटिहार जिला अन्य जिलों से पूरी तरह से पिछड़ गया है. मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना का उद्देश्य है की राज्य में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से डिजिटल हो, पेपरलेस हो, चिकित्सक से लेकर फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन नर्स सभी पेपरलेस अपना वर्क करें. योजना के तहत इस तरह से होगा काम
जब मरीज अस्पताल इलाज के लिए पहुंचेंगे तो रजिस्ट्रेशन काउंटर पर उन्हें एक टोकन नंबर दिया जायेगा. उस टोकन नंबर को लेकर वह नर्सिंग डेस्क पर पहुंचेंगे. जहां वह अपनी संबंधित बीमारियों के बारे में विस्तार पूर्वक बतायेंगे. वहां से उन्हें डॉक्टर के पास आउटडोर में भेजा जायेगा. ऑटोमेटिक उनका पूरा बायोडाटा डॉक्टर के सिस्टम में चला जायेगा. डॉक्टर को टोकन नंबर बताने के बाद डॉक्टर उन्हें देखेंगे, और अपने सिस्टम पर ही उनकी बीमारी उनका दवाई यहां तक कि यदि कोई जांच करना हो तो यह सभी सिस्टम पर ही लिखा जायेगा. सिस्टम पर लिखे जाने के बाद यदि मरीज को कोई जांच करनी है तो उन्हें जांच घर भेजा जायेगा. जहां उनकी पूरी हिस्ट्री लैब तक आटोमेटिक पहुंची रहेगी. जहां मरीज को सिर्फ अपना टोकन नंबर बताना है. लैब टेक्नीशियन उनका ब्लड या जो जांच चिकित्सक ने लिखी है वह जांच सैंपल लेंगे. जांच के बाद डॉक्टर ने जो मेडिसिन लिखी होगी उनके लिए उन्हें दवाई काउंटर पर जाना है. जहां ऑटोमेटिक उनका पूरा बायोडाटा दवाई काउंटर के सिस्टम पर अपलोड रहेगा. वहां पर टोकन नंबर बताने के बाद दवाई काउंटर पर तैनात फार्मासिस्ट उन्हें दवाई वितरण करेंगे. वहीं पर उन्हें उनकी अपलोड हुई पुरे स्वास्थ्य संबंधित डाटा को प्रिंट कर उन्हें दे देंगे. यानी कि जो पर्ची पहले जो रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ही मरीज को मिल जाया करती थी. वह पर्ची उन्हें आखिरी स्टेप दवाई काउंटर पर मिलेगी. इस पूरे चैन के दरमियान जो टोकन नंबर जो आईडी मरीज को प्राप्त होगा. वह हमेशा के लिए भव्या एप्लीकेशन सिस्टम में अपलोड हो जायेगा और वह कभी भी आकर उस टोकन नंबर को बता कर अपना इलाज करवा सकते हैं. यहां तक की इस आईडी को वह कहीं पर भी यूज कर सकते हैं. वर्ल्ड के किसी भी कोने में इस एप्लीकेशन में उनका पूरा बायोडाटा स्टोर रहेगा. कहीं पर भी वह अपना इलाज कराने के लिए जायेंगे तो उन्हें किसी भी कागज की जरूरत नहीं पड़ेगी. बस एक क्लिक पर उनके पूरे हिस्ट्री सामने होगी. इससे यह फायदा होगा कि उनकी पूरी स्वास्थ्य संबंधी हिस्ट्री का डाटा एक क्लिक में चिकित्सक के सामने होगा.स्टेट से होगी एप्लीकेशन की मॉनिटरिंग
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