डेंजर लेवल से ऊपर पहुंचा महानंदा

बाढ़ से प्रभावित कई गांव का आवागमन हुआ बाधित

By Prabhat Khabar News Desk | July 3, 2024 10:58 PM

आजमनगर. महानंदा नदी फिर उफान पर है. डेंजर लेवल को पार करते हुए अपना विकराल रूप दिखाने को उतावला हो गया है. यदि महानंदा तटबंध को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान पहुंचा तो आजमनगर प्रखंड क्षेत्र वासियों को बचाना मुश्किल हो सकता है. ज्ञात हो की महानंदा नदी अपना विकराल रूप ले चुका है. जहां किसी भी प्रकार की लापरवाही से लाखों की आबादी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा लगातार घास, भूसा एवं जलावन जैसे चिजों को बांध के किनारे रखने की वजह से चूहों का अड्डा बन चुका है. बताते चलें कि वर्ष 2017 में सरकारी राजस्व का करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है. महानंदा के जलस्तर में वृद्धि को देख प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. महानंदा तटबंध के निगरानी कर रहे विभागीय अधिकारी ने बताया कि महानंदा डेंजर लेवल से ऊपर आ चुकी है. साथ ही उन्होंने कहा कि बहरखाल में महानंदा का जलस्तर डेंजर लेवल से ऊपर पहुंच गया है. गौरतलब है कि आजमनगर प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांव महानंदा के चपेट में है. जहां की स्थिति वर्तमान में काफी भयावह दिख रही है. जहां कई गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पानी के चपेट में आने से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है. गांव तक पहुंचने के लिए रास्ते में कहीं घटना भर तो कहीं कमर भर पानी गया है. मर्वतपुर पंचायत के चांदपुर, बैरिया, केलाबाड़ी पंचायत के शिव मंदिर टोला, इमाम नगर एवं आलमपुर पंचायत के कन्हरिया गांव के लोग काफी डरे सहमे जीवन बिता रहे हैं. तटबंध से काफी दूर में बसे होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. महानंदा नदी फिर उफान पर है. डेंजर लेवल को पार करते हुए अपना विकराल रूप दिखाने को उतावला हो गया है. यदि महानंदा तटबंध को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान पहुंचा तो आजमनगर प्रखंड क्षेत्र वासियों को बचाना मुश्किल हो सकता है. ज्ञात हो की महानंदा नदी अपना विकराल रूप ले चुका है. जहां किसी भी प्रकार की लापरवाही से लाखों की आबादी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा लगातार घास, भूसा एवं जलावन जैसे चिजों को बांध के किनारे रखने की वजह से चूहों का अड्डा बन चुका है. बताते चलें कि वर्ष 2017 में सरकारी राजस्व का करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है. महानंदा के जलस्तर में वृद्धि को देख प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. महानंदा तटबंध के निगरानी कर रहे विभागीय अधिकारी ने बताया कि महानंदा डेंजर लेवल से ऊपर आ चुकी है. साथ ही उन्होंने कहा कि बहरखाल में महानंदा का जलस्तर डेंजर लेवल से ऊपर पहुंच गया है. गौरतलब है कि आजमनगर प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांव महानंदा के चपेट में है. जहां की स्थिति वर्तमान में काफी भयावह दिख रही है. जहां कई गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पानी के चपेट में आने से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है. गांव तक पहुंचने के लिए रास्ते में कहीं घटना भर तो कहीं कमर भर पानी गया है. मर्वतपुर पंचायत के चांदपुर, बैरिया, केलाबाड़ी पंचायत के शिव मंदिर टोला, इमाम नगर एवं आलमपुर पंचायत के कन्हरिया गांव के लोग काफी डरे सहमे जीवन बिता रहे हैं. तटबंध से काफी दूर में बसे होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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