सरकारी योजनाओं से जिले के मखाना किसानों को मिलेगा बल
16 में आठ प्रखंडों में होती है मखाना खेती की फसल अधिक
मखाना खेती को लेकर इस वर्ष वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकारी योजनाओं से मखाना किसानों को बल मिलने वाला है. ऐसा इसलिए कि नये वित्तीय वर्ष में मखाना खेतिहरों को तीन योजनाओं का लाभ मिलेगा. इससे जिले के मखाना किसानों के खेती का जहां रकवा में वृद्धि होगी. दूसरी ओर मखाना किसान पूर्व से अधिक संबल होंगे. ऐसा उद्यान विभाग के पदाधिकारियों का मानना है. विभागीय पदाधिकारी की माने तो इस वर्ष मखाना किसानों को लेकर जिन तीन स्कीम का लाभ मिलने वाला है. उसमें पहला मखाना का बीज उत्पादन है. इसके लिए कटिहार जिले में बीस हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना के तहत किसानों को 76 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान है. इसके लिए प्रति हेक्टेयर 72750 रुपये किसान को उपलब्ध हो पायेगा. दूसरे स्कीम के तहत मखाना बीज वितरण के रूप में है. जिसमें एक सौ हेक्टेयर में मखाना बीज वितरण का लक्ष्य है. इस योजना के तहत बीज का दाम किसानों को सब्सिडी के रूप में 4050 रुपये बीज का दाम दिया जाना है. सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र विस्तार की योजना है. इसके लिए जिले को 130 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है. जिसमें प्रति हेक्टेयर लागत 97 हजार होगा. इस योजना के तहत भी सब्सिडी के रूप में 75 प्रतिशत के हिसाब से किसानों को 72850 रुपये हेक्टेयर उपलब्ध कराया जा सकेगा. मालूम हो कि सभी सोलह प्रखंडों में कमावेश मखाना की खेती वृहत पैमाने पर की जाती है.
मखाना गोदाम के रूप में पांच का है लक्ष्य
विभागीय पदाधिकारियों की माने तो इस वर्ष मखाना गोदाम के रूप में पांच का लक्ष्य निर्धारित है. जिसमें दस लाख लागत है. सब्सिडी के रूप में मखाना गोदाम के लिए साढ़े सात लाख रुपये अनुदान का प्रावधान है. इसके तहत मखाना टूल किट, मखाना प्रोसेसिंग के लिए हारवेस्टिंग के लिए जरूरी सामानों का क्रय किया जा सकेगा. इन सभी पर अनुदान उपलब्ध है. हारवेस्टिंग के लिए जरूरी सामानों में औका, गांज, खैंची, चलनी, चटाई, अफरा, थापी कुल 22100 रुपये लागत हैं. जिस पर 75 प्रतिशत अनुदान के रूप में सभी किट खरीदने में सब्सिडनी के रूप में 16575 रुपये मिलना है.
मखाना किसानों का विभाग करा रहा सर्वे
विभागीय पदाधिकारियों की माने तो जिले के लगभग सभी प्रखंडों में मखाना की खेती हो रही है. मखाना किसानों के सही आंकलन के लिए विभाग द्वारा सर्वे कराया जा रहा है. 16 में आठ प्रखंडों में अधिक मखाना की खेती किसानों द्वारा की जाती है. इसमें कोढा, हसनगंज, कटिहार, आजमनगर, बारसोई, कदवा, हसनगंज, बरारी शामिल है. जिले में मखाना की बेहतर उपज को देखते हुए किसान अब समतल जमीन पर भी इसकी खेती आसानी से करने लगे हैं. पूर्व में जहां तालाबनुमा जगहों पर खेती की जाती थी. अब समतल जमीन को घेरकर मखाना की खेती तकनीक तरीके से हो रही है.
कहते हैं उद्यान पदाधिकारी
नये वित्तीय वर्ष 2024-25 में मखाना किसानों को तीन नये स्कीम के तहत लाभान्वित किया जायेगा. इसमें मुख्य रूप से क्षेत्र विस्तार, बीज वितरण व मखाना गोदाम शामिल है. इन सभी तीनों योजना के तहत जिले को लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. किसानों को इन सभी योजनाओं में अनुदान के रूप में 75 प्रतिशत का प्रावधान है. इससे मखाना किसानों को अधिक लाभ पहुंचेगा. इससे नकारा नहीं जा सकता है.
ओम प्रकाश मिश्रा, उद्यान पदाधिकारी, कटिहारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है