किसानों को मोटा अनाज व जैविक खेती को कर रहे जागरूक
खरीफ किसान चौपाल में किसान उठा रहे वैज्ञानिक कृषि व खर्च बढ़ाने को आवाज
कटिहार. कृषि विभाग की ओर से खरीफ किसान चौपाल 2024 लगाने का निर्देश दिया गया है. इससे किसानों को नयी-नयी जानकारी योजनाओं, किसानी को लेकर जागरूक किया जा सकें. खरीफ किसान चौपाल 2024 के पहले दिन दलन पूरब पंचायत के पुराना टोला को चिन्हित किया गया. किसानों के द्वारा दिलचस्पी नहीं दिखाने के कारण कनवाटोला के किसान सुरेन्द्र सिंह के दरवाजे पर किसान चौपाल का आयोजन किया गया. किसान चौपाल करीब साढ़े तीन बजे शुरू होकर करीब साढ़े पांच बजे तक समाप्त करा लिया गया. इस दौरान बीटीएम गोविंद कुमार, किसान सलाहकार संजू देवी ने किसानों को किसान चौपाल से मिलने वाली तकनीक जानकारी से अवगत कराया. उनलोगों ने मोटे अनाज व जैविक विधि से किसानी करने को लेकर किसानों को जागरूक किया. करीब दो घंटे तक चली चौपाल में किसानों ने अपना सुझाव भी दिया. इस दौरान किसानों ने बताया कि किसानों के बीच समय-समय पर किसान चौपाल का आयोजन होने से किसानों को कई तरह की जानकारी आपसी बातचीत से स्वत: मिल जाती है. कृषि विभाग की ओर से अनुदान की राशि, बीज, दवा, यांत्रिकीरण की जानकारी उपलब्ध हो जाती है. खरीफ किसान चौपाल समाप्ति के बाद किसानों से फीडबैक लिये जाने के लिए उपलब्ध कराये गये फॉर्मेट में किसानों ने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से रखी. किसानों का कहना था कि खरीफ किसान चौपाल में वरीय वैज्ञानिकों, तकनीक पदाधिकारियों को रहना चाहिए. उनके रहने से कृषि के नये-नये आयामों से अवगत होने का मौका मिलता है. कई किसानों ने खरीफ किसान चौपाल में खर्च बढ़ाने की भी अपनी मंशा जाहिर की. ऐसा इसलिए कि दो घंटे के कार्यक्रम के दाैरान किसानों को चाय बिस्कीट से काम चलाया जाता है. इससे किसान उबने लगते हैं. कम से नाश्ते का पैकेट आवश्यक रूप से शामिल किये जाने पर आवाज उठाया. इस मौके पर बीटीएम गोविंद कुमार, किसान सलाहकार संजू देवी, सरपंच दिनेश मोहन ठाकुर, उपसरपंच रविशंकर श्रवणे, उपमुखिया श्रीराम सिंह, किसान अनिल सिंह, देवनारायण सिंह, सरयू सिंह, चंदन सिंह, मंटू सिंह आदि मौजूद थे.
डीएसआर विधि के तहत संयत्र हो उपलब्ध
पहले दिन दलन पूरब में कृषि विभाग की ओर से आयोजित खरीफ किसान चौपाल में किसानों ने अपनी समस्याओं को रखी. जिसमें मुख्य रूप से बताया गया कि किसान डीएसआर विधि से धान रोपना चाह रहे हैं. लेकिन संसाधन मुहैया नहीं होने के कारण वे लोग परेशान हैं. उनलोगों का कहना था कि डीएसआर विधि से धान रोपने के लिए ट्रैक्टर से धान का बीज बुआई के लिए एक साथ खाद और धान का बीज बुआई किया जाता है. विभाग की ओर से सब्सिडी पर किसानाें को व्यवस्था मुहैया कराया जाना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है