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कई नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सेंटर अवैध ढंग से हो रहा संचालित

लोग पूछ रहे आखिर विभाग क्यों नहीं दे रही ध्यान

कोढ़ा. कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के गेड़ाबाड़ी बाजार समेत कोलासी बाजार में चिकित्सक अवैध क्लिनिक, अल्ट्रासाउंड सेंटर, पैथोलॉजी सेंटर एवं कई नर्सिंग होम संचालित हैं. गेड़ाबाड़ी बाजार, कोलासी में कई ऐसे नर्सिंग होम व क्लीनिक, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी सेंटर अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. जहां गरीब, निःसहाय एवं निर्धन मरीजों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है. सूत्रों पर अगर यकीन करें तो गेड़ाबाड़ी बाजार में कई ऐसे अल्ट्रासाउंड केंद्र व एक्स रे केंद्र तथा पैथोलॉजी और निजी नर्सिंग होम हैं. जिनका स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस निर्गत नहीं है. यहां कई ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटर, एक्सरे सेंटर, पैथोलॉजी सेंटर एवं नर्सिंग होम अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं. सूत्रों पर अगर यकीन करें तो स्वास्थ्य विभाग इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिस कारण यहां अवैध नर्सिंग होम एवं अवैध पैथोलॉजी सेंटर का धंधा फल फूल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अवैध नर्सिंग होम एवं एक्स रे सेंटर, पैथोलॉजी सेंटर, अल्ट्रासाउंड सेंटर पर बीच-बीच में कार्रवाई करें तो यहां से अवैध नर्सिंग होम व अन्य का नामों निशान मिट जायेगा. इन अवैध नर्सिंग होम के द्वारा रोगियों का आर्थिक शोषण किया जाता है. सूत्रों के अनुसार इन नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड सेंटर से प्रखंड क्षेत्र की कई आशा कार्यकर्ताओं से सांठ गाठ है. सरकारी आशा कार्यकर्ता ऐसे नर्सिंग होम में गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने के लिए लाती है. सूत्र बताते हैं कि नॉर्मल डिलीवरी होने पर आशा कार्यकर्ताओं को निजी अस्पताल के द्वारा दो हजार एवं सीजर होने पर चार से पांच हजार रूपये एक मरीज पर दिया जाता है. जिस कारण लोभ में आकर आशा कार्यकर्ता निजी नर्सिंग होम में गर्भवती महिलाओं को लाया जाता है. अब सवाल यह उठता है कि इस और स्वास्थ्य विभाग ध्यान क्यों नहीं दे रही है. इतना ही नहीं अगर कोई गर्भवती महिला को प्रसव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में होता है तो उन्हें स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सारी दवाई व अन्य सुविधा अस्पताल से ही मुहैया कराई जाती है. पर आशा कार्यकर्ता कमीशन के लालच में मरीज को एएनएम के लिखी गई पर्ची पर सारी दवाई बाहर के मेडिकल स्टोर से खरीद कर दिया जाता है. सूत्र बताते हैं कि यहां भी दवाई खरीदारी पर 20 से 25% कमीशन आशा कार्यकर्ता को दिया जाता है. सूत्र यह भी बताते हैं कि ऐसे नर्सिंग होम में ऑपरेशन करने के वक्त ही बाहर से डॉक्टर को बुलाया जाता है. ऑपरेशन के बाद मरीज का देखरेख नर्सिंग होम के एएनएम के द्वारा ही किया जाता है. ऑपरेशन के बाद मरीज का देखरेख सर्जन या फिजिशियन के द्वारा नहीं किया जाता है. जिस कारण ऑपरेशन के उपरांत कई रोगियों को इन्फेक्शन भी हो जाता है. जानकारी हो कि पिछले वर्ष भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गेड़ाबाड़ी बाजार में अवैध अल्ट्रासाउंड के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया गया था. जिसमें गेड़ाबाड़ी बाजार में कई अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर पाये गये थे. जिसे स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सील कर दिया गया था. मामले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित आर्य ने बताया कि कोढ़ा में अवैध नर्सिंग होम, पैथोलॉजी व अल्ट्रासाउंड चल रहा है.इसकी जानकारी मिली है. कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन कटिहार को लिखा जा रहा है. आदेश प्राप्त होते ही फर्जी नर्सिंग होम पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

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