बलिया बेलौन. महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को जलस्तर में विशेष वृद्धि नहीं हुई है. शेखपुरा, शिकारपुर, तैयबपुर, रिजवानपुर, बीझारा, भौनगर, जाजा, सिकोड़ना, तेतलिया आदि पंचायतों के मंझोक, निस्ता, जीतवारपुर, नाजीरपुर, सबनपुर, रतनपुर, कुजीबाना, अहमदपुर, रैयांपुर पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गया है. बाढ़ प्रभावित लोगों ने बताया की खेत, खलिहान, सड़क सब बाढ़ के पानी में डूब गया है. घर, आंगन तक बाढ़ का पानी प्रवेश नहीं करने से कुछ राहत है. इसके बावजूद कहीं-कहीं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सड़क डूब गया है. लोगों को जरूरी कार्य के लिए कहीं जाने की जरूरत पड़े तो एक मात्र साधन नाव है. बाढ़ आने से सब से अधिक परेशानी बुढ़े, बीमार लोगों को झेलनी पड़ती है. पशुओं का चारा डुब जाने से पशु पालक परेशान हैं. बागढोब, झोंआ, महानंदा बायां तटबंध के किनारे किनारे बाढ़ का पानी पूरी तरह से फ़ैल गया है. लगातार बारिश होने और महानंदा का जलस्तर बढ़ने से लोगों को रोजगार नहीं मिलने से घर में दाल रोटी का जुगाड करना मुश्किल हो गया है. बाढ़ आने सब्जियों का दाम आसमान छूने लगा है. बाढ आने पर पटशन की खेती प्रभावित हो गयी है. नगदी फसल डूब जाने से किसानों की दयनीय स्थिति उत्पन्न हो गयी है. तैयबपुर मुखिया मारूफ अहसन ने बाढ़ की स्थिति से अवगत होकर तत्काल राहत के लिए प्लास्टिक, सुखा राशन की व्यवस्था करने की मांग की है. नाव की कमी को देखते हुए प्राइवेट नाव का व्यवस्था करने की जानकारी दी है. उन्होंने बताया की बाढ़ आने से लोग अपने घरों में सिमट कर रह गये है. महानंदा में बाढ आने से कई गांव टापू में तब्दील हो गया है. मुखिया संघ अध्यक्ष मेराज आलम, इनायत राही, सद्दाम हुसैन, एकबाल हुसैन, सत्यनारायण यादव, नाहीद आलम आदि के द्वारा बाढ़ राहत की तैयारी के प्रति असंतुष्ट जतायी.
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