आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के किसानों को कई दुकानों पर उचित मूल्य से अधिक कीमतों पर खाद लेने पर किसान मजबूर हो रहे है. हालांकि इन दिनों मक्का, सरसों, आलू एवं गेहूं आदि सहित कई अन्य फसलों को लगाये जा रहे है. साथ ही किसानों द्वारा खेतों में खाद का इस्तेमाल भी जोरों से किया जा रहा है. यही कारण है की रसायनिक खादों की खरीदारी अत्यधिक देखी जा रही है. जिस कारण किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा रहा है. प्रखंड क्षेत्र के कई दुकानदारों द्वारा सरकारी खाद पर लिखे को हटा कर उन्हें मनमाने तरीके से अधिक मूल्य पर बेचा जा रहा है. जिसके शिकार किसानों को ही बनाया जा रहा है. जबकि प्रखंड क्षेत्र के कई दुकानों में नकली खाद व फसलों में देने वाले नकली दवाइयों के साथ-साथ कालाबाजारी का बाजार गर्म है. जिसका परिणाम किसानों को भुगतना पड़ता है. मामले को लेकर आजमनगर कृषि कार्यालय में कार्यरत इंद्रजीत कुमार ने बताया कि यूरिया खाद का सरकारी मूल्य 266.50 प्रत्येक 45 किलोग्राम व डीएपी खाद का मूल्य 1350 प्रत्येक 50 किलोग्राम एवं पोटास खाद का सरकारी मूल्य 1700.50 रुपए प्रत्येक बोरी का मूल्य है.
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