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पांच वर्षों में एक दर्जन से अधिक किशोर व युवाओं की डूबने से हो चुकी है मौत

मधेली के बारह नंबर ठोकर के समीप हमेशा होता है हादसा

कुरसेला. मधेली के बारह नंबर ठोकर के समीप गंगा नदी से लेकर गढ्ढों में विगत के पांच वर्षों में समेली गांव का अब तक आधा दर्जन से अधिक लड़कों की डूबने से मौत हो चुकी है. समेली अधिक आबादी वाला गांव है. इन गांवों से समेली का कई गांव जुड़ा है. समीप में समेली का मधेली का 12 नंबर ठोकर के समीप गंगा नदी पड़ता है. अक्सर समेली गांवों के युवा किशोर बड़े इसी घाट पर स्नान करने जाते हैं. बाढ़ में इस गंगा तट की स्थिति खतरनाक हो जाती है. बाढ़ आने पर इस घाट पर डूबने की घटना घटित हो जाया करती है. बताया जाता है कि नदी में डूबने के बढ़ते खतरे को लेकर समेली के गांवों के लोगों ने लड़कों किशोरों को गंगा घाट पर स्नान करने जाने से हिदायत कर रखा था. यही वजह है कि समेली चकला गांव का चारों किशोर बारह नम्बर ठोकर के समीप गंगा नदी में स्नान करने जाने के बजाय सरैया ढाला के समीप गढ्ढा के पानी में नहाने चला गया था. किशोरों को यह अंदाजा नहीं था कि इस गढ्ढा के अंदर अथाह पानी है. चारों किशोर डूबने के खतरे से बेपरवाह होकर स्नान करने में लगे रहे. सरैया ढाला के गढ्ढे के आस पास लोगों की चहल पहल कम रहा करता है. यही वजह है कि डूबते किशोरों को बचाने वाला आस पास कोई मोजूद नहीं था. नतीजन कुछ मिनटों के समय में चारों किशोरों ने गढ्ढे में डुब कर प्राण त्याग दिया. किशोरों में नदी के पानी में स्नान करने की ललक होती है. फलस्वरुप किशोर व युवा नदी में स्नान चले आया करते हैं. परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़

एक साथ चार किशोरों के गढ्ढा में डूब मरने के घटना से समेली चकला मौला नगर गांवों को दहला कर रख दिया. घटना का खबर जिसने सुनी वह समेली सीएचसी की ओर दौड़ पड़ा. समेली सीएचसी में सैकड़ों महिला-पुरुषों की भीड़ जुट गयी. हर एक के चेहरे घटना से आहत था. मृतक के परिजनों के साथ उपस्थित महिलाओं के आंखों से आंशु निकल रहे थे. ईश्वर यह तुने क्या कर दिया का आह से भर टीस निकल रही थी. उन किशोरों का क्या कसूर था. उनके माता- पिता से उसका लाल छीन लिया. समेली सीएचसी में कुछ इसी तरह के दुख भरे हालत दिखायी दे रहे थे.

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