आज होगी मां स्कंदमाता की पूजा

नवरात्र : चौथे दिन हुई मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना, मंदिर व पूजा स्थलों में जुटने लगी है भीड़

By Prabhat Khabar News Desk | October 6, 2024 10:59 PM

कटिहार. जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की गयी. पूजा अर्चना को लेकर सुबह से ही विभिन्न मंदिरों एवं पूजा स्थलों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. साथ ही बड़ी तादाद में श्रद्धालु अपने-अपने घरों पर भी मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना किया. अब श्रद्धालु नवरात्र के पांचवें दिन सोमवार को होने वाले स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की तैयारी में जुटे है. इस बीच दुर्गापूजा के नजदीक आते ही चारों तरफ चहल- पहल बढ़ गयी है. विभिन्न मार्केट में खरीदारी को लेकर भीड़ जुटने लगी है. खासकर कपड़े की दुकानों में अधिक भीड़ देखी जा रही है. दूसरी तरफ पूजा कमेटी व आयोजकों की ओर से मंदिर व पूजा स्थल को सजाने सवांरने के कार्य को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. जबकि शिल्पकार मां दुर्गा सहित अन्य प्रतिमा को अंतिम आकार देने में जुटे है. रविवार को भी दिन में ग्रामीण क्षेत्रों से लोग खरीदारी के लिए शहर के विभिन्न बाजारों में पहुंचे. जबकि शहरी क्षेत्र के लोग शाम में खरीदारी करते देखे गये. आज होगी स्कंदमाता की पूजा-अर्चना

नवरात्र का पांचवें दिन सोमवार को स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जायेगी. मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने के बाद अब श्रद्धालु स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की तैयारी में जुट गये है. स्कंदमाता के बारे में भी कई तरह बातें प्रचलित है. जानकारों की माने तो मोक्ष द्वार खोलने वाली स्कंदमाता परम सुखदायी है. पूरे निष्ठा से आराधना करने पर मां अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है. बताया जाता है कि भगवान स्कंद ””””””””कुमार कार्तिकेय”””””””” नाम से भी जाने जाते है. ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे. पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है. इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण मा दुर्गा जी के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है. स्कंदमाता की चार भुजाएं है. इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुयी है. उसमें कमल पुष्प है. बायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है. उसमें भी कमल पुष्प ली हुयी है. इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है. ये कमल के आसन पर विराजमान रहती है. सिंह भी इनका वाहन है. श्रद्धालु का मन समस्त लौकिक, सांसारिक आदि बंधनों से मुक्त होकर पद्मासना मां स्कंदमाता के स्वरूप में लीन होता है. बाजार में लौटी रौनक

इस बीच दुर्गापूजा को लेकर धीरे-धीरे बाजारों की रौनक लौटने लगी है. बाजारों में खरीदारी को लेकर लोगों की भीड़ जुटने लगी है. शहर के बड़ा बाजार, एमजी रोड, गर्ल्स स्कूल रोड, मंगल बाजार के कपड़ा दुकान व रेडीमेड वस्त्र के दुकानों पर अत्यधिक भीड़ देखी गयी. लोग अपने अपने पसंद के कपड़ा खरीदने में जुटे रहे.

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