नगर निगम कार्यालय दूसरे दिन भी रही गहमा गहमी
कर्मचारियाें के बदले गये विभाग, किसी को अतिक्रमण तो किसी का बदला टेबल
कटिहार. नगर निगम में चल रहे अवरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. करीब एक पखवारा पूर्व नगर निगम पदाधिकारियों के ऊपर दायर याचिका से माहौल गरमाया हुआ है. दूसरे मामले के रूप में पार्षद प्रतिनिधियों के निगम कार्यालय परिसर में निगम आयुक्त के आदेश पार्षद को छोड़ प्रतिनिधियों का इंटरटेन नहीं किये जाने के मौखिक आदेश से खलबली है. पार्षदों को छोड़ प्रतिनिधियों के इंटरटेन नहीं करने का निगम आयुक्त का ऑडियो भी वायरल हो रहा है. इसमें एक पार्षद द्वारा पूछे जाने पर नगर आयुक्त द्वारा स्पष्ट कहा जा रहा है कि पार्षद को छोड़ कर प्रतिनिधियों को इंटरटेन नहीं करना है. हालांकि वायरल ऑडियो की पुष्टी प्रभात खबर नहीं करता है. वायरल ऑडियो के बाद से ही नगर निगम में अफरा- तफरी का माहौल बन गया है. गुरुवार को पार्षदों का कई टीम ने नगर आयुक्त द्वारा जारी मौखिक आदेश को वापस लेने के जिद पर अडे रहें. यह मामला गुरुवार को डेढ़ बजे से शुरू होकर तकरीबन तीन घंटे तक गरमाया रहा. मालूम हो कि इससे एक दिन पूर्व 24 जुलाई को एक वार्ड पार्षद के आवास पर इस मामले को लेकर पार्षदों की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें 27 पार्षद उपस्थित थे. जबकि आठ ने अपनी समर्थन जाहिर किया था. जिसमें नगर आयुक्त के मौखिक आदेश की भर्त्सना करते हुए पार्षदों ने इससे निबटने व मान सम्मान बरकरार रखने की रणनीति बनायी थी. जिसमें चर्चा की गयी थी कि महिला पार्षदों की संख्या 23 है. महिलाओं का सम्मान नीतीश सरकार भी कर रही है. इसके लिए 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. गुस्साये पार्षदों ने गुरुवार को हल्ला बोला. इस दौरान उनलोगाें ने मेयर को एक पत्र देते हुए नगर आयुक्त को माफी मांगने की बात कही गयी. बहरहाल मामला जो भी हो पार्षदों व नगर निगम पदाधिकारियों के बीच तानातानी का माहौल से आमजनों व नगर वासियों को कितना विकास कार्य का लाभ मिलेगा यह आनेवाला समय पर निर्भर है. इधर कई कर्मचारियों व पदाधिकारियों के टेबल में आंशिक रूप से बदलाव किया गया. किसी को हटाकर अतिक्रमण में, होल्डिंग टैक्स विभाग में भी कईयों का टेबल में बदलाव किया गया है. मामले को लेकर सत्यता जानने की कोशिश पर नगर निगम के पदाधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक मौन रहें. हालांकि गुरुवार को नगर निगम कार्यालय के अधिकांश विभाग के कर्मचारी व पदाधिकारी नगर निगम के मीटिंग हॉल में डटे रहे तो पार्षद भी बगल के एक कमरे में नगर आयुक्त का इंतजार करते रहे. यह नजारा देर शाम तक तक चलता रहा. मामले में नगर आयुक्त कुमार मंगलम से मिलकर व दूरभाष से सत्यता जानने का प्रयास किया गया. लेकिन संभव नहीं हो पाया. इधर, उपमेयर मंजूर खान से सत्यता की जानकारी लेने पर बताया कि ऐसा कुछ नहीं है. मीटिंग हॉल में अलग-अलग कर्मचारियों को बुलाया गया था. इसकी जानकारी नहीं है. उनके कक्ष में पार्षदगण थे. जिस वजह से हो हल्ला हो रही थी.
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