सालों भर होती है नील सरस्वती देवी मंदिर विद्या की देवी की पूजा

सालों भर होती है नील सरस्वती देवी मंदिर विद्या की देवी की पूजा

By Prabhat Khabar News Desk | February 2, 2025 6:39 PM

पूजा-अर्चना करने के लिए मां सरस्वती की स्थापित की गई है प्रतिमा आबादपुर. बारसोई प्रखंड के बेलवा पंचायत स्थित नील सरस्वती देवी मंदिर बेलवा में क्षेत्र की प्रसिद्ध विद्या की देवी माता नील सरस्वती की स्थायी प्रतिमा स्थापित है. सालों भर यहां आस-पास एवं दूर-दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण पूजा करने आते हैं. उन उनसे शुभाशीष व इच्छित वरदान प्राप्त करते हैं. विशेष कर बसंत पंचमी के मौके पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. श्रद्धालु माता के समक्ष नतमस्तक हो उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. बसंत पंचमी में भव्य मेले का आयोजन होता है. श्रद्धालुओं की जमघट देखते ही बनती है. धार्मिक धरोहर से क्षेत्र के लोगों की असीम आस्था जुड़ी हुयी है. इलाके में इन्हें नील सरस्वती के रूप से जाना जाता है. इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में यहां लोगों में ऐसी मान्यता है कि प्राचीन समय में महाकवि कालिदास पत्नी के द्वारा प्रताड़ित होने पर यहीं पर आकर तपस्या में बैठे थे. उन्हें ज्ञान की प्राप्ति यहीं परिसर में ही हुयी थी. आस-पास के बड़े बुजुर्गों की माने तो महाकवि की सिद्धि पीठ उक्त स्थल ही है. प्राचीन मान्यताओं के अनुरूप आज भी इस मंदिर में भक्तगण अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए अक्सर तप करते देखे जाते हैं. इस संबंध में मंदिर कमेटि के सदस्य दीपक कुमार साह एवं मोनू कुमार साहा ने रविवार को प्रभात खबर को बताया कि यह स्थान प्राचीन समय में बेलौली नगर के नाम से विख्यात रहा है तथा इसके भूगर्भ में प्राचीन मंदिर के अवस्थित होने की बात कही जा रही है.आये दिन यहां खुदाई के दौरान पूजनीय सामग्रियां व देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के अवशेष प्राप्त होते ही रहते हैं. उन्होंनेे जानकारी दी कि प्रशासन से इस प्राचीन धरोहर को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की गई है. इस वर्ष बसंत पंचमी के मौके पर की जाने वाली विशेष पूजा के संबंध में मंदिर के पुजारी सुनदानंद प्रभु ने बताया कि पूजा का शुभ मुहूर्त सोमवार सुबह सात बजे से लेकर शाम छह बजे तक का पाया गया है. मंदिर कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं से मुहूर्त के अनुसार ही मंदिर परिसर में उपस्थित होने एवं पूजा-अर्चना करने की बात कही गयी है.

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