नयी पेंशन स्कीम एक अभिशाप : मुनीन्द्र सैकिया

एनएफ़ रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने सरकार के फैसले के खिलाफ किया प्रदर्शन

By Prabhat Khabar News Desk | July 27, 2024 10:27 PM

कटिहार. मुनीन्द्र सैकिया के नेतृत्व में नयी पेंशन नीति के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जुलूस शनिवार को रेल परिसर से निकलकर स्टेशन परिसर से होते हुए प्रवर रेलवे संस्थान में सभा के रूप में परिवर्तित हुआ. एनएफ़ रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुनीन्द्र सैकिया ने बताया कि 2004 से रेलवे में आने वाले कर्मचारियों के ऊपर न्यू पेंशन स्कीम को लागू किया गया. तब से एनएफआईआर और एनएफ़ रेलवे एम्पलाइज यूनियन इसका पुरज़ोर विरोध कर रही है. एनएफआईआर और एनएफ़ रेलवे एम्पलाइज यूनियन का एक ही लक्ष्य है सभी रेल कर्मियों के लिए समान पेंशन बहाल करना, न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में विभिन्न तरीकों से एनएफ रेलवे से लेकर दिल्ली तक एनएफआईआर और एनएफ़ रेलवे एम्पलाइज यूनियन विरोध करने का काम कर रही है. पर केंद्र सरकार खुद पेंशन लेकर रेल कर्मियों को पेंशन देने में कतरा रही है. सरकार का यह कर्मचारी विरोधी नीति एनएफआईआर और एनएफ़ रेलवे एम्पलाइज यूनियन कभी बर्दाश्त नहीं करेगगी. बीते चुनाव में सरकार को रेल कर्मचारियों का आक्रोश समझ में आ चुका है. अगर सरकार कर्मचारी विरोधी नीति को वापस नहीं लेती है तो आगामी चुनाव में भी इसका नतीजा सरकार को झेलना होगा. सरकार रेलवे निजीकरण को लाकर नवयुवक एवं रेल कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है. साथ-साथ उनके मूलभूत सुविधाएं जो कर्मचारी एवं उसके परिजनों को मिलनी चाहिए. उनपर भी सरकार का रत्ती भर भी ध्यान नहीं है. इस मौक़े पर मंडल सचिव रूपेश कुमार ने बताया कि राजनेता अपना पेंशन लेने में कतरा नहीं रहे वहीं रेल कर्मियों को पेंशन देने में उन्हें दर्द हो रही है. सरकार सीधे तौर पर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. मंडल अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि सरकार का रवैया कर्मचारी विरोधी है, केंद्र में किसी की भी सरकार रहे जो रेल कर्मचारियों के हित में बात करेगा संगठन और रेलकर्मियों को उनका साथ अवश्य मिलेगा. जो सरकार नकारात्मक सोच के साथ रेल कर्मियों के प्रति नकारात्मक रवैया रखने का कार्य करेगी. वैसी सरकार को संगठन और रेलकर्मियों का रोष भी झेलना पड़ेगा. इस मौके पर दिनेश पासवान, रजनीश कुमार, विवेकानंद, डीके सिंह, मुकुंद मिश्रा, पवन कुमारी, कविता रानी, रविंद्,अश्विनी,आलोक, विनय, राहुल, रंजॉय चन्दा, भास्कर, बिराज, डीमू, सूरज मिश्रा सहित सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी मौजूद थे.

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