कवि सूरदास की 546वीं जयंती पर उनकी रचनाओं की गयी चर्चा
कवि सूरदास की 546वीं जयंती पर उनकी रचनाओं की गयी चर्चा
कटिहार. हिन्दी में भक्ति काल के मुर्धन्य कवि सूरदास जी का 546वां जन्मदिन रविवार को शहर के तेजा टोला स्थित एक कोचिंग संस्थान में राष्ट्रीय संगठन सक्षम कटिहार की ओर से आयोजित की गयी. इस जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता सक्षम कटिहार के जिलाध्यक्ष सह केबी झा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ प्रभु नारायण लाल दास की. साथ ही उत्तर बिहार प्रांत कोषाध्यक्ष अरुण कुमार चौधरी एवं स्वदेशी जागरण मंच के प्रदेश विचार प्रमुख विनय भूषण ने अतिथि के रूप में शामिल हुए. मंच का संचालन दिव्यांग संतोष पटेल ने किया. कार्यक्रम में वक्ताओं ने संत कवि सूरदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब देश मुगलों के अत्याचार से कराह रहा था. तब सूरदास ने अपनी कृष्ण भक्ति के कारण ब्रजभाषा में भक्ति रस की कविता के माध्यम से समाज में सांस्कृतिक जागरण करते हुए अपने आराध्य देव से जोड़ने में सफल रहे. भक्ति काल के कविवर सूरदास चक्षु विहिन थे. पर भगवान का चित्रण एवं समाज की पीड़ा का जो वर्णन उनके कविता में मिलता है. वह अन्यत्र कहीं नहीं. कार्यक्रम में अरुण चौधरी व विनय भूषण ने बताया कि कवि सुरदास की जयंती बैसाख शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है. अंत में लक्ष्मी कान्त ने धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम का समापन किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से कोचिंग में पढ़ने वाली प्रेरणा, शिवानी, पुष्पा, सौम्या, रूही, संजना, वैष्णवी, खुशी, अमन व सुमित आदि छात्र-छात्राएं शामिल थे.
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