झाड़-फूंक के चक्कर में सर्प के डंसने एक की गयी जान
सर्प के डंसने एक की गयी जान
मछली पकड़ने के दौरान जाल में फंसा था सांप, सांप से खेलने के दौरान सांप ने डसा कोढ़ा थाना क्षेत्र के मधुरा गांव में मछली मारने के दौरान सांप के साथ खेलना एक व्यक्ति को ऐसा महंगा पड़ा कि सांप के डंक से उनकी मौत हो गयी. मृतक शकलदेव महलदार ग्राम मधुरा निवासी बताया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक मृतक सकलदेव महलदार जो पूर्णिया जिले का रहने वाला था. पिछले करीब 20-25 साल से अपने ससुराल मथुरा गांव में धनिक लाल महलदार के यहां रहकर मछुआरे का कार्य करते हुए अपने परिवारों का भरण-पोषण किया करते थे. नित्य की भांति मछली मारने के लिए अपने जाल व अन्य सामग्री लेकर बगल के कोसी नदी में गया. मछली मारने के दौरान उसके जाल में एक विषैला सांप फंस गया. तभी मछुआरे को न जाने क्या सूझी वह जाल से सांप निकालकर सभी लोगों को डराने के साथ-साथ खुद भी सांप के साथ खिलवाड़ करने लगे. इस प्रकार लगभग दो घंटे तक सांप को हाथ में लेकर खेल ही रहा था. अचानक मौका मिलते ही मछुआरे के हाथों में डंस लिया. सांप डंसने की खबर जैसे ही उनके परिजनों को मिली अस्पताल ना ले जाकर झाड़-फूंक कराने लगे. झाड़-फूंक कराने के दौरान जब हालात बिगड़ने लगी तब आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया. पर तब तक काफी देर हो चुकी थी. अस्पताल में चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. स्थानीय लोगों का कहना था कि इन्हें जैसे ही सांप में काटा था. इन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना था. पर आज भी हमारे समाज में अंधविश्वास की जड़े इतनी गहरी है की इसी अंधविश्वास के चलते एक कमाऊ व्यक्ति को अपने प्राण से हाथ धोना पड़ा. मामले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित आर्य ने बताया कि सर्प डंस के शिकार रोगियों को कभी भी झाड़-फूंक के चक्कर में ना पड़कर वह अगर सीधे ससमय अस्पताल पहुंच जाए तो हर संभव चिकित्सा के माध्यम से उनकी जान बचायी जा सकती है.
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