कटिहार. पिछले एक पखवाड़े से कटिहार जिला भीषण गर्मी व तपीश के चपेट में है. जबकि बारिश नहीं होने से किसान परेशान है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अभी तक बारिश नहीं हुई है. मानसून भी दगा दे रही है. उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में किसान खरीफ फसल में खासकर धान की रोशनी करते है. जिसमें सिंचाई की अत्यंत आवश्यकता होती है. अधिकांश किसान इस समय बारिश का इंतजार करते है. पर किसानों के मंसूबे पर पानी फिर गया है. डीजल की कीमत बढ़ने की वजह से भी किसानों की स्थिति खराब हो चुकी है. जानकारों की मानें तो पिछले वर्ष मई-जून में अत्यधिक बारिश हुई थी. जबकि इस बार दोनों माह में औसतन काफी कम बारिश हुई है. इन आंकड़ों से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस साल भी बारिश लोगों खासकर किसानों को धोखा देने की फिराक में है. मौसम विभाग भी बारिश को लेकर कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं करा पा रही है. जानकारी के मुताबिक कटिहार जिले में इस बार 85 हजार हेक्टेयर से अधिक धान रोपनी लक्ष्य रखा गया है. दूसरी तरफ सोमवार को भी गर्मी की स्थिति और भी गंभीर रही. जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है. सुबह सात बजे के बाद से धूप और गर्मी से हर तबका परेशान दिखा.10 बजे के बाद तो शहरो में सन्नाटा दिखने लगी. इस भीषण गर्मी में स्कूली बच्चे एवं महिलाओं को अत्यधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की कमोवेश स्थिति एक जैसी रही.
बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरे मुरझाये
वर्तमान समय में किसानों के लिए बारिश का होना अत्यंत जरूरी है. पर बारिश नहीं हो रही है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अभी तक बारिश नहीं हुई है. जिससे किसानों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी कर दिया है. उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में किसान खरीफ फसल के तहत खासकर धान की रोपनी करते है. जिसमें अत्यधिक सिंचाई की जरूरत पड़ती है. अधिकांश किसान बारिश पर निर्भर रहते है. डीजल की कीमत बढ़ने की वजह से किसानों के समक्ष सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गयी है. प्रगतिशील किसान राम बिहारी सिंह, चंदन गुप्ता, गणेश मंडल, दीपू विश्वास सहित कई किसानों ने बातचीत में कहा कि बारिश नहीं होने से किसानों की रोपनी प्रभावित हो रही है. जबकि यही समय है कि किसान धान की रोपनी करें. अगर समय पर धान की रोपनी नहीं होती है तो फसल का उत्पादन प्रभावित होता है. साथ ही कई तरह की समस्याएं भी झेलनी पड़ती है. डीजल की कीमत अधिक रहने की वजह से सिंचाई नहीं कर पाते है.
बारिश नहीं होने से धान का बिचड़ा प्रभावित
जिले के हसनगंज प्रखंड के किसान त्रिवेणी प्रसाद मंडल, कटिहार सदर प्रखंड के मुर्तजा, प्राणपुर नरेश शर्मा, नौशाद आलम आदि ने बताया कि पिछले वर्ष इस मौसम में बारिश हुई थी. जिससे किसान धान रोपनी समय पर शुरू कर दिया था. लेकिन अब तक किसानों ने धान रोपनी शुरू नहीं किया है. बिचड़ा भी इस गर्मी व धूप में प्रभावित हो रही है. किसानों ने बताया कि किसी तरह बिचड़ा गिरा दिये है. लेकिन अब जब बारिश होगी. तब धान रोपनी शुरु करेंगे. कई किसानों ने यह भी कहा कि बारिश के अभाव में वे लोग बिचड़ा भी नहीं गिरा पाये है. जानकारी के मुताबिक करीब 30 प्रतिशत किसान ही अबतक बिचड़ा तैयार कर सके है. हालांकि जिन किसानों ने बिचड़ा गिराया है या जिनका बिचड़ा तैयार है. उन किसानों का बिचड़ा भी इस भीषण गर्मी व धूप से बिचड़ा खराब हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है