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मानसून के दगा देने के कारण धान रोपनी में किसानों को हो रही परेशानी

खेत में धान का बिचड़ा सूखने के कागार पर पहुंचा

कोढ़ा. खंड क्षेत्र भीषण गर्मी से तप रहा है. इंसान से लेकर जमीन, फसल व मवेशी तक भीषण गर्मी व तपिश के चपेट से त्रस्त है. यदा-कदा छोड़कर बारिश होने का नाम नहीं ले रहा है. आसमान के आंचल में बादलों की गर्दिश जारी होने के बाद जन मानस में बारिश होने की उम्मीदों का किरण फूटता है. पर मानसून है कि निरंतर दगा दे रही है. मौजूदा समय में पिछले वर्ष इतने में धान की रोपनी शुरू हो गयी थी. पर अधिकांश किसानों के सपनों पर बारिश नहीं होने के कारण पानी फिर गया है. अभी तक संपूर्ण रूप से धान का बिचड़ा तैयार नहीं हुआ है. क्योंकि एक तो मानसून की बेवफाई व दूसरे महंगे डीजल से पंप सेट से सिंचाई करना किसानों के लिए चुनौती से कम नहीं है. किसान हर उस संभावित बारिश होने का इंतजार बेकरारी से कर रहे हैं. धूप व भीषण गर्मी थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिस कारण धान का बिचड़ा कुम्हलाने लगा है. किसान महंगे डीजल खरीद कर अगले भविष्य की आस धान का बिचड़े को बचाने के जद्दोजहद में लगे हुए हैं. विभागीय जानकारी के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र में इस बार बृहद पैमाने पर धान लगाने का लक्ष्य रखा गया है. अगर जल्द ही मानसून की मेहरबानी ना हुई तो धान की रोपनी का लक्ष्य पूरा नहीं हो पायेगा. बुधवार को भी आसमान में बादल छाए रहने के बावजूद गर्मी की स्थिति गंभीर और उबाऊ रही. खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी का आलम बिजली गुल हो जाने के बाद कहर ढाने लगता है. भीषण गर्मी व तीखी धूप के कारण धान का रोपनी का समय निकलता जा रहा है. किसानों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ा कर दिया है. हालांकि कुछ प्रगतिशील व साहसी किसान पंप सेट से पटवन कर धान की रोपनी तो कर दी है. धान को बचाने के लिए अत्यधिक सिंचाई करनी पड़ रही है. जबकि क्षेत्र के अधिकांश किसान बारिश पर निर्भर रहते हैं. कुल मिलाकर बारिश नहीं होने के कारण पूर्व में रौपे गये धान व धान का बिचड़ा प्रभावित हो रहा है. किसान भानु कुमार, अजय मंडल, प्रदीप कुमार, यूनुस, असगर अली, रहमत अली, शिवचरण आदि ने बताया कि पिछले वर्ष जून के पिछले पखवारे में बारिश हो जाने के कारण धान की रोपनी परवान पर थी. लेकिन इस बार अत्यधिक धूप व गर्मी के कारण धान का बिचड़ा भी तैयार नहीं हुआ है. जिस कारण रोपनी में विलंब हो रहा है. बारिश के इंतजार में है बारिश हो जाए तो धन की रोपनी शुरू कर देंगे.

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