Katihar news : बदलते मौसम में अपनी सेहत पर रखें विशेष ध्यान : डॉ एसपी विनकर
बढ़ते ठंड में वायरल फीवर, कोल्ड डायरिया, खांसी व सर्दी-जुकाम के बढ़े मरीज
कटिहार. दलते मौसम में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. मौसम बदलने के साथ ही कई बीमारी की आशंका भी बढ़ गयी है. ठंड में वायरल फीवर, कोल्ड डायरिया, खांसी व सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों का प्रकोप खास कर बढ़ जाता है. इस बीमारियों से सतर्क रहने की जरूरत है. सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य सभी निजी अस्पतालों में इन दिनों मौसमी बीमारियों से पीड़ित लोग की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. बदलते मौसम के साथ ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज बुखार, सर्दी-जुकाम, कोल्ड डायरिया से ग्रसित पहुंच रहे है. इसके अलावा अस्पताल के शिशु वार्ड में भी ज्यादातर बच्चे सर्दी, खांसी, जुकाम सीने में कफ की समस्या से ग्रसित बच्चे भर्ती हो रहे है. सदर अस्पताल के फिजिशियन डॉ एसपी विनकर ने लोगों को इस बदलते मौसम में अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि अभी इस तरह का मौसम चल रहा है. जो सबसे ज्यादा ब्रेन स्ट्रोक की संभावना सबसे ज्यादा रहती है. डॉ विनकर ने लोगो से इस मौसम में पहनावे व खान-पान पर विशेष ध्यान रखने को कहा है. उन्होंने कहा कि बदलते मौसम में लोगों को सुबह व रात में अपने पहनावे पर अभी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दोपहर अमूमन गर्म होता है तो लोग कम कपड़े पहन कर अपने घरों से काम पर निकल जाते हैं. लेकिन शाम को लौट कर घर पहुंचते-पहुंचते मौसम ठंडा हो चुका होता है. इसके लिये लोगों का पहले से तैयार रहना जरूरी है. बदलते मौसम का सीधा असर शरीर पर पड़ता है. साथ ही खान-पान में इन दिनों ठंडी चीजों से परहेज करने की भी जरूरत है. डॉ विनकर ने कहा कि बच्चों को सुबह बेड से उठकर सीधे बाहर नहीं जाने दें. सुबह फर्श पर पहले नंगे पांव चलने से परहेज करें. बच्चों को भी इसके लिए रोकें. अमूमन लोग इस मौसम में कम पानी का सेवन करते हैं. जो बेहतर स्वास्थ्य के लिहाज से गलत है. इससे डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. कोल्ड डायरिया की चपेट में आने का भी इससे खतरा होता है. इसलिए संभव हो सके तो अभी के मौसम में सुसुम पानी का ही सेवन जरूरी है. बीमारियों से बचाव को लेकर अपने आस-पास स्वच्छता का भी ख्याल रखना चाहिए. क्योंकि ठंड के मौसम में चर्म रोग की समस्या भी ज्यादा होती है.
बच्चों में निमोनिया व बुजुर्गों को लकवा का खतरा अधिक
हमेशा ताजा खाना व स्वच्छ पेयजल का सेवन हमें इस तरह के कई बीमारियों से बचा सकता है. ठंड के मौसम में छोटे उम्र के बच्चों में निमोनिया व बुजुर्गों को लकवा का खतरा अधिक रहता है. इसलिए उनका विशेष ध्यान रखना जरूरी है. डॉ विनकर ने बताया कि ठंड के इस मौसम में सभी लोगों को सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है. इस दौरान बरती गयी जरा सी लापरवाही कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. खासकर इस बढ़ते ठंड में बच्चों-बुजुर्गों में इस मौसम में निमोनिया होने का जोखिम अधिक होता है. निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया या कवक के कारण होने वाला संक्रमण है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है. इस स्थिति में सांस लेना कठिन हो जाता है. सर्दियों के मौसम में निमोनिया का खतरा अधिक देखा जाता रहा है. तापमान में गिरावट के अलावा इनडोर पॉल्यूशन को इस समस्या को बढ़ाने वाला माना जाता है. सर्दियों के मौसम में हमारा ज्यादा समय घरों के भीतर और लोगों के निकट संपर्क में अधिक बीतता है. इसके कारण इस स्वास्थ्य समस्या का जोखिम अधिक हो सकता है. निमोनिया की समस्या कुछ स्थिति में गंभीर कारण भी बन सकती है. बच्चों-बुजुर्गों में इसे मृत्यु का जोखिम बढ़ाने वाला भी माना गया है. ऐसे में सभी लोगों को इस प्रकार के स्वास्थ्य जोखिमों से लगातार बचाव करते रहना चाहिए. इस ठंड में सुबह निकलने वाली धूप में थोड़ी देर जरूर बिताना चाहिए.
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