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मानसून के दगा देने से गर्मी से बेहाल हो रहे लोग

लोगों के शरीर से नहीं सुख रहा पसीना

कटिहार. इस चिलचिलाती धूप में बारिश होने की आश लगाये बैठे लोगों की आंखे मानो जेसी पथरा सी गयी हो. ऐसे तो बिहार में मानसून प्रवेश कर गया है. लेकिन कटिहार जिला अभी तक इससे अछूता है. हालांकि राज्य में कई जिलों में जमकर बारिश भी हो रही है. लेकिन कटिहार इस मामले में अब तक बारिश होने का इंतजार में ही है. हालांकि पिछले कुछ दिन पहले बारिश हुई, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं पहुंचा. बारिश होने पर लोग अनुमान लगा रहे थे कि अब बारिश की शुरुआत हो गयी है. लेकिन जितनी बारिश होने की उम्मीद लगाये बैठे है. उस हिसाब से बारिश नहीं होने से लोग पूरी तरह से मायूस है. मौसम विभाग ने बारिश होने के संकेत देने के बाद लोगों में खुशी का माहौल दिख रहा था. लेकिन बारिश है कि होने का नाम नहीं ले रही. बारिश नहीं होने से तापमान का पारा एकदम चढ़ा हुआ है. उमस भारी गर्मी से लोग पूरी तरह से बेहाल है. बुधवार का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. विगत सप्ताह से गर्मी का प्रकोप इस तरह से बढ़ा है कि लोग काफी परेशान हो गये हैं. यहां तक कि बारिश नहीं होने से और चिलचिलाती धूप के कारण पूरे जिले में खेतों में सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गयी है. सबसे ज्यादा किसान त्राहिमाम कर रहे हैं. बारिश नहीं होने से कई किसान धान के रोपनी तक शुरू नहीं किये हैं. कुछ किसान है जो कि खेत में पंपिंग सेट के जरिए पानी पटाकर धान की रोपनी की शुरुआत किये हैं. लेकिन किसानों के द्वारा धान रोपने को लेकर बारिश इंतजार किया जा रहा है. लेकिन इस बार मानसून में पूरी तरह से दगा दे दी है. मानसून के दगा दे जाने के बाद किसान हताश है. मखाना की खेती करने वाले किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. मखाना की खेती करने वाले कई किसानों के खेत की पानी पूरी तरह से सूख गये. जिले में जितने हेक्टेयर मखाना की खेती की गयी है. उसमें कई खेत बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ से बर्बाद भी हुए हैं. इस चिलचिलाती धूप में बारिश होने की आश लगाये बैठे लोगों की आंखे मानो जेसी पथरा सी गयी हो. ऐसे तो बिहार में मानसून प्रवेश कर गया है. लेकिन कटिहार जिला अभी तक इससे अछूता है. हालांकि राज्य में कई जिलों में जमकर बारिश भी हो रही है. लेकिन कटिहार इस मामले में अब तक बारिश होने का इंतजार में ही है. हालांकि पिछले कुछ दिन पहले बारिश हुई, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं पहुंचा. बारिश होने पर लोग अनुमान लगा रहे थे कि अब बारिश की शुरुआत हो गयी है. लेकिन जितनी बारिश होने की उम्मीद लगाये बैठे है. उस हिसाब से बारिश नहीं होने से लोग पूरी तरह से मायूस है. मौसम विभाग ने बारिश होने के संकेत देने के बाद लोगों में खुशी का माहौल दिख रहा था. लेकिन बारिश है कि होने का नाम नहीं ले रही. बारिश नहीं होने से तापमान का पारा एकदम चढ़ा हुआ है. उमस भारी गर्मी से लोग पूरी तरह से बेहाल है. बुधवार का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. विगत सप्ताह से गर्मी का प्रकोप इस तरह से बढ़ा है कि लोग काफी परेशान हो गये हैं. यहां तक कि बारिश नहीं होने से और चिलचिलाती धूप के कारण पूरे जिले में खेतों में सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गयी है. सबसे ज्यादा किसान त्राहिमाम कर रहे हैं. बारिश नहीं होने से कई किसान धान के रोपनी तक शुरू नहीं किये हैं. कुछ किसान है जो कि खेत में पंपिंग सेट के जरिए पानी पटाकर धान की रोपनी की शुरुआत किये हैं. लेकिन किसानों के द्वारा धान रोपने को लेकर बारिश इंतजार किया जा रहा है. लेकिन इस बार मानसून में पूरी तरह से दगा दे दी है. मानसून के दगा दे जाने के बाद किसान हताश है. मखाना की खेती करने वाले किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. मखाना की खेती करने वाले कई किसानों के खेत की पानी पूरी तरह से सूख गये. जिले में जितने हेक्टेयर मखाना की खेती की गयी है. उसमें कई खेत बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ से बर्बाद भी हुए हैं.

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