ट्रेन हादसे में मरे सा लोगों की अब तक नहीं हुई शिनाख्त
मंगलवार 7:30 बजे सुबह डाउन लाइन हुआ चालू, 10:40 बजे अवध-अमस ट्रेन गुजरी इस ट्रेक से
कटिहार. कटिहार रेल मंडल के रंगापानी रेलवे स्टेशन के समीप सिग्नल के इंतजार में आउटर पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को पीछे से मालगाड़ी ने सीधी टक्कर मारने के मामले में रेल मंत्रालय के निर्देश पर सीसीआरएस जनक कुमार गर्ग मंगलवार को जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचे तथा मामले में जांच प्रारंभ की. तदोपरांत अस्पताल गये तथा घायलों की स्थिति से अवगत हुए. दुर्घटना की वजह क्या रही तथा किनकी गलती से दुर्घटना घटी. इस प्रकरण में कौन दोषी है. इसकी जांच में जुट गये. जब स्वचालित सिग्नल प्रणाली सुबह 5: 50 बजे से ही खराब थी. जिस कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के पायलट को स्टेशन प्रबंधक ने टी ए 912 जारी कर दिया था. लेकिन जब रंगापानी रेलवे स्टेशन से मालगाड़ी गुजरी तो क्या उसे टी ए 912 स्टेशन मास्टर ने दी थी. अगर नहीं तो मालगाड़ी रंगापानी रेलवे स्टेशन से आगे कैसे बढ़ी. रेल अधिकारी इन सभी मामलों को लेकर जांच में जुट गये है.
खराब सिगनलिंग में स्टेशन मास्टर विशेष अधिकार के तहत टीए 912 करते हैं प्रदत
जब स्वचालित सिगनलिंग प्रणाली विफल हो जाती है तो स्टेशन मास्टर टी ए 912 नामक एक लिखित अधिकार पत्र जारी करता है. जो चालक को खराब सिग्नल के कारण उस सेक्शन के सभी रेड सिग्नल को पर करने का अधिकार देता है. इस दौरान ट्रेनों की गति सीमा 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रहती है. अब सवाल यह उठता है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को टी ए 912 प्राप्त थे. लेकिन मालगाड़ी चालक को यह प्राप्त था कि नहीं यह जांच का विषय है.
ट्रेन की दुर्घटना की सूचना पर रेल मंत्री भी पहुंचे रंगपानी रेलवे स्टेशन व अस्पताल
कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के कटिहार रेल मंडल के रंगापानी रेलवे स्टेशन पर दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही रेल मंत्री अश्विनी वैभव भी घटनास्थल पर पहुंचे थे. तदोपरांत घायल से अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी तथा सभी घायलों का बेहतर इलाज का निर्देश देते हुए घायलों को 50-50 हजार की मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया. रेल मंत्री के निर्देश पर ही उनकी उपस्थिति में घायलों को मुआवजा राशि दी गयी. घटना को लेकर रेल मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे. उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.मौत का आंकड़ा पहुंचा 10, सहायक लोको पायलट जीवित
कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी. इसमें तीन रेल कर्मी सहित नौ लोगों की मौत की पुष्टि रेल अधिकारियों ने की थी. लेकिन यह आंकड़ा बढ़कर 10 हो गयी. इस घटना में दो रेलकर्मी की ही मौत हई है. जिसमें मालगाड़ी के लोको पायलट अनिल कुमार एवं कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के गार्डन शामिल है. 10 लोगों की में तीन लोगों की पहचान कर ली गयी है. जबकि सात लोगों के शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है. यह सभी अज्ञात हैं. रेल प्रशासन इन सभी की पहचान में जुट गयी. रेल अधिकारियों की माने तो असिस्टेंट लोको पायलट के ड्रेस कोड के आधार पर उसे मृत घोषित कर दिया गया था. जबकि वह जीवित है. मृत व्यक्ति की पहचान विजय राय के रूप में किया गया है.रेलवे ट्रैक से पहली ट्रेन अवध- असम एक्सप्रेस गुजरी
रंगापानी रेलवे स्टेशन पर कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन वह मालगाड़ी में टक्कर उपरांत रेल खंड तकरीबन 10 घंटे तक बाधित रही. रेलवे ट्रैक को क्लियर करने को लेकर कटिहार डीआरएम सुरेंद्र कुमार, एनजेपी एडीआरएम, सीनियर डीसीएम सहित अन्य अधिकारी के साथ-साथ, मालेगांव मुख्यालय के अधिकारी भी रेलवे ट्रैक को क्लियर कराने में जुटे रहे. रेलवे अधिकारियों के निर्देश पर रेलकर्मी युद्ध स्तर पर रेलवे ट्रैक को क्लियर करने में जुट गये. रेलवे सिग्नल को लेकर जो समस्या थी उसे भी रेलवे अभियंता के प्रयास से बेहतर कर लिया गया. रेल अधिकारी एवं कर्मियों के मदद से रेलवे ट्रैक को क्लियर कर लिया गया. सोमवार को संध्या 5:40 बजे अपलाइन चालू कर दिया गया. जबकि डाउनलाइन मंगलवार सुबह 7:30 बजे चालू किया गया. दुर्घटना उपरांत इस रेलवे ट्रैक से पहली ट्रेन अवध-असम एक्सप्रेस 10.40 बजे गुजरी.
कई ट्रेनों का परिचालन हुआ विलंब से
दुर्घटना का असर मंगलवार को ट्रेन के परिचालन पर देखेने को मिला. कई ट्रेनों का परिचालन विलंब से हुआ. कई ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोके रखा गया. राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को डंडखोरा रेलवे स्टेशन पर एक घंटे से अधिक समय तक रोक कर रखा गया. इसी तरह अन्य ट्रेनों के परिचालन में अधिक सर्तकर्ता बरती गयी.
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