उत्तरदायित्व का पालन करने वाले लोग होते हैं सफल : किशोरी दीदी
भागवत कथा के चौथे दिन श्यामा किशोरी ने सनातन संस्कृति में दान के महत्व पर प्रकाश डाला
कटिहार. हृदयगंज में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिन सोमवार को किशोरी दीदी ने कई मुद्दों पर भक्तों हमारे सनातन धर्म का यह मान्यता है कि दान उचित समय पर उचित लोगों के बीच करना चाहिए. यथाशक्ति तथा भक्ति के तहत हमारा जीवन क्षणभंगुर है. इसलिए स्वविवेक के अनुसार जो अभावग्रस्त व्यक्ति हैं. उनको मदद करने के लिए सदा तत्पर रहना चाहिए. जैसे की कोई व्यक्ति भयानक बीमारी से बीमारी से गुजर रहा हो. विधवा हो, बुजुर्ग हो और उनकी आर्थिक स्थिति पूर्णतया दयनीय हो ऐसे व्यक्ति को दान करने से महापुण्य मिलता है. साथ ही सुश्री किशोरी ने सभी भक्तजनों से यह समझाते हुए बोली जितना आप बोलते हैं. उसे अपने जीवन में क्रियान्वयन करना बहुत जरूरी है. हम एक दूसरे को कहावत कहते रहते हैं. लेकिन उसे कहावत को अपने जीवन में चरितार्थ नहीं करते हैं. आज के परिवेश में यह बहुत ही जरूरी है कि हमें हमारे कथनी और करनी में भिन्नता नहीं होना चाहिए. सच्ची श्रद्धा वही है जब हमारे कथनी करनी में समानता होता है. भगवान कृष्ण ने गीता के उपदेश देते हुए अर्जुन को कहा था कर्म का भागीदार तुम हो फल की चिंता मत करो. जो इंसान जैसा कर्म करता है. देर सबेर उसको उसका फल भुगतना ही पड़ता. इसलिए कर्तव्य परायण रहना बहुत जरूरी है जो भी आपको उत्तरदायित्व है. उस उत्तरदायित्व का अंशतः पालन करने वाले लोग जीवन में सफल होते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है