कीटनाशक दवा ””””ट्राइकोडरमा”””” और ””””नीमतेल”””” निकली नकली
जिले में इन दिनों धड़ल्ले से नकली कीटनाशक दवा के रूप में ट्राइकोडरमा और नीमतेल की बिक्री हो रही है. जबकि संयुक्त निदेशक पौधा संरक्षण विभाग पटना की ओर से इन दाेनों कीटनाशक दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है.
सरोज कुमार, कटिहारजिले में इन दिनों धड़ल्ले से नकली कीटनाशक दवा के रूप में ट्राइकोडरमा और नीमतेल की बिक्री हो रही है. जबकि संयुक्त निदेशक पौधा संरक्षण विभाग पटना की ओर से इन दाेनों कीटनाशक दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. इसका खुलासा एनआइपीएचएम हैदराबाद प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गये सैंपल की जांच रिपोर्ट से हुआ है. संयुक्त निदेशक पौधा संरक्षण, पटना प्रमोद कुमार ने सहायक निदेशक पौधा संरक्षण कटिहार को पत्र जारी कर जैविक कीटनाशक ट्राइकोडरमा व्रिड 1.5 डब्लूपी के आलोक में स्पष्टीकरण एवं बिक्री पर रोक लगाने को लेकर आदेश दिया है. जिसके बाद से कीटनाशक दवा खरीदने वाले सैकड़ों किसानों में हाहाकार मच गया है. मालमू हो कि रबी फसल में कीट-पतंगों को नष्ट करने के लिए विभाग ने चिह्नित दवा दुकानों से ट्राइकोडरमा और नीमतेल खरीदने के लिए किसानों को प्रेरित किया. इसके बाद किसानों ने चिह्नित दवा दुकानों से दवा खरीदकर अपने खेत में लगायी गयी फसलों पर छिड़काव किया. लेकिन फसलों पर इसका असर न होने पर कुछ किसानों की विभाग से शिकायत की. शिकायत मिलने के बाद विभाग ने इन दोनों दवाओं के सैंपल जांच के लिए हैदराबाद भेजा. जहां रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ये दानों कीटनाशक दवा नकली है.
जांच रिपोर्ट के बाद से किसानों में बेचैनी
बाजार में बिक रही ट्राइकोडरमा व नीमतेल की जांच रिपोर्ट के खुलासे के बाद सैकड़ों किसान अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं. अलग-अलग प्रखंडों के किसानों का कहना है कि उनलोगों ने रबी फसल के लिए उक्त दोनों कीटनाशी दवा नीमतेल विभाग की ओर से लिया था. जबकि विभाग की ओर से ट्राइकोडरमा के लिए चयनित दुकान से लेने के लिए दबाव बनाया गया था. जिसके बाद करीब अलग-अलग प्रखंडों में करीब 96 किलो ट्राइकोडरमा व इतने ही नीमतेल सैकड़ों किसानों ने खरीदे. मकई समेत अन्य फसलों पर इसका छिडकाव के बाद भी कोई असर नहीं होने से किसान परेशान थे. ऐसे में विभाग से मुआवजे की मांग के लिए किसान एकजुट हो रहे हैं.कीटनाशक दवा बेच रहे दुकानदार से पूछा गया स्पष्टीकरण, बिक्री पर रोक
मार्च माह में पारले कंपनी की दोनों कीटनाशी पीएनटी चौक के स्वास्तिक इंटरप्राइजेज से एक किलो के रूप में मानक जांच के लिए भेजी गयी थी. 14 मई को एनआईपीएचएम हैदराबाद प्रयोगशाला के जारी जांच रिपोर्ट के आलोक में संयुक्त निदेशक पौधा संरक्षण पटना डॉ प्रमोद कुमार ने दुकानदार से स्पष्टीकरण मांगते हुए बिक्री पर रोक के लिए पत्र जारी किया गया था. 15 मई को उनके द्वारा पारले कम्पनी व पीएनटी चौक स्थित स्वास्तिक इंटरप्राइजेज से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. जिसमें बिना मानक के उक्त दोनों कीटनाशक दवाओं की बिक्री का आधार मांगा गया है. साथ ही इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. उपनिदेशक पौधा संरक्षण पूर्णिया प्रमंडल के सतीश कुमार ने उक्त दुकानदार व कंपनी से शोकॉज पूछते हुए उक्त कीटनाशक दवा की बिक्री पर रोक लगा दी है.रोमी कुमारी,सहायक निदेशक,पौधा संरक्षण, कटिहारकहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी
किस कीटनाशक दवा मानक के विपरीत बेची जा रही है. इसकी जानकारी नहीं है. पौधा संरक्षण से संबंधित मामला है. पौधा संरक्षण सहायक निदेशक से पूरी जानकारी लेकर कुछ कहा जा सकता है. अगर बाजार में कीटनाशक दवाएं मानक के विपरीत बेची जा रही है तो यह गंभीर मसला है. इसे गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई की जायेगी.सुधीर कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, कटिहार
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