कटिहार. रसायनिक दवा को कम करने एवं जैविक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पौधा संरक्षण विभाग 16 प्रखंडों के 48 पंचायतों में किसान पाठशाला लगाने की तैयारी कर रही है. एक एकड़ प्रत्यक्षण प्लॉट पर किसानों को लेकर प्रशिक्षित किया जाना है. आईपीएम के तहत कीट व्याधी का प्रबंधन किया जायेगा. फसल लगाने से लेकर काटने एवं भंडारण तक फसल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत किसान पाठशाला में किसानों को तकनीक रूप से जानकारी दी जायेगी. प्रशिक्षण सभी पच्चीस किसानों को पैड फोल्डर, कलम आईपीएम किट उपलब्ध कराया जायेगा. इसको लेकर पौधा संरक्षण विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी है. पौधा संरक्षण के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत धान फसल पर 16 प्रखंडों के 48 पंचायतों में किसान पाठशाला लगाने की तैयारी मुकम्मल कर ली गयी है. आईपीएम किट से फसल का सर्वे किया जाता है. सर्वे करने के लिए किसानों को स्वीपनेट उपलब्ध कराया जायेगा. आईपीएम किट में हरे रंग का झोला, टोपी, लैंस, वाच ग्लास, टयूब, पाॅलीथिन, क्लोरोफॉर्म, निडिल, सेलोटेप इत्यादि सामान होते हैं. इन सभी सामानों से अलग-अलग कार्य किये जाते हैं. स्वीपनेट से सर्वे कर कीटों को उसमें फंसा कर एक जगह सभी किसानों को एकत्र कर सभी कीटों के बारे में जानकारी दी जाती है. अमूक कीट फसल के लिए नुकसानदायक और अमूक कीट लाभदायक है. वॉच ग्लास का कार्य कीट को रखकर नीडिल से पकड़कर लैंस द्वारा विशालित कर कीटों की पहचान की जाती है कि कौन कीट फसल के दुश्मन और कौन कीट मित्र है. टयूब और पॉलीथीन का कार्य है कीटों को इक्कठा करना है. ड्राइंग पेपर पर दोनों एक तरफ शत्रु कीट व दूसरे तरफ मित्र कीट को सेलो टेप से चिपका गिनती की जाती है. शत्रु कीट की संख्या मित्र कीट से ज्यादा होने पर कीटनाशक दवा का प्रयाेग किया जाता है. यदि शत्रु कीट कम और मित्र कीट ज्यादा है तो किसानों को कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं करने का सलाह दी जाती है. प्रत्येक प्रत्यक्षण प्लॉट के लिए तीन किलो सूक्ष्म पोषक तत्व एनपीके, दो किलो सूडोनाेमस, एक लीटर नीम तेल, 12 किलो धान बीज और वर्मी कम्पोष्ट दिया जाता है.
प्रशिक्षण में शामिल होनेवाले किसानों को नाश्ता का है प्रावधान
किसान पाठशाला में किसानों को जहां तकनीक रूप से जानकारी दी जायेगी. इसमें मास्टर ट्रेनर के रूप में संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक, एटीएम, बीटीएम एवं किसान सलाहकारों में से दो को रखा जाना है. संचालक के रूप में प्रगतिशील किसान सम्बंधित पंचायत के रहेंगे. उनका काम प्रशिक्षण लेने वाले 25 किसानों को इक्कठा करना, बैठने की व्यवस्था करना और पानी की व्यवस्था आदि हैं. इसके एवज में इनको प्रशिक्षण के बाद एकमुश्त 2284 रुपये विभाग द्वारा भुगतान करने का प्रावधान है. दो मास्टर ट्रेनर, एक संचालक व 25 चयनित किसान कुल 28 को नाश्ता के लिए 30 रुपये देने का प्रावधान है.कहती हैं सहायक निदेशक पौधा संरक्षण
फसल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 16 प्रखंडों के 48 पंचायतों में किसान पाठशाला लगाया जा रहा है. किसान पाठशाला छह सत्रों में लगाया जाना है. किसान पाठशाला में चयनित किसानों को फसल रोपने, कटाई व भंडारण तक की जानकारी दी जायेगी. कुरसेला में एक सत्र के तहत 25 और 26 जुलाई को किसान पाठशाला लगाया जा चुका है. अगला किसान पाठशाला 12 अगस्त को कुरसेला में होना है. इसको लेकर तैयारी की जा चुकी है. चयनित किसानों के बीच आईपीएम कीट व प्रशिक्षण सामग्री दिया जायेगा. इसकी भी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
रोमी कुमारी, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, कटिहारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है