– पांच माह बाद आज दिशा की बैठक में होगी 67 योजनाओं की समीक्षा प्रतिनिधि, कटिहार केंद्र प्रायोजित योजनाओं व कार्यक्रमों की सेहत कटिहार जिले में ठीक नहीं है. जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र प्रायोजित कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है पर उसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. लोगों को 100 दिन की रोजगार की गारंटी देने वाला कानून मनरेगा की स्थिति जगजाहिर है. मध्याह्न भोजन योजना का लाभ भी स्कूली बच्चों को बेहतर तरीके से नहीं मिल रहा है. अभी भी कटिहार जिला पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त नहीं हो सका है. जिले में चलाये जा रहे केंद्र प्रायोजित योजनाओं की अद्यतन स्थिति एवं उसकी समीक्षा करते हुए उसके प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से स्थानीय सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) गठित की गयी है. इस समिति का उद्देश्य ही होता है कि गाइडलाइन के मुताबिक समय-समय पर समिति की बैठक कर केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं एवं कार्यक्रम के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए उसके बेहतर क्रियान्वयन को लेकर पहल करें. केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचे. उसके लिए इस समिति को महती जिम्मेदारी दी गयी है पर नियमित रूप से इस समिति की बैठक नहीं होती है. अब करीब पांच माह बाद शनिवार को इस समिति की बैठक आहूत की गयी है. नवंबर 2024 में सांसद की अध्यक्षता में इस समिति की अंतिम बैठक हुई थी. उसके बाद इस समिति की बैठक नहीं हुई है. इस बीच शनिवार को होनेवाली बैठक को लेकर समिति के सदस्य सचिव सह जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा की ओर से पत्र जारी किया गया है. इस पत्र के अनुसार शनिवार को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) के अध्यक्ष सह स्थानीय सांसद तारिक अनवर की अध्यक्षता में समिति की बैठक आयोजित की जायेगी. डीएम की ओर से जारी पत्र के अनुसार पूर्व उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के अलावा पूर्णिया के सांसद राजेश रंजम उर्फ पप्पू यादव सहित जिले के सभी सातो विधायक, विधान पार्षद, जिला परिषद अध्यक्ष, सभी प्रखंड प्रमुख एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है. लोगों को नहीं मिल रहा केंद्र प्रायोजित योजना का लाभ केंद्र सरकार की ओर से संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की स्थिति कटिहार जिले में ठीक नहीं है. हालांकि जितनी योजनाओं एवं कार्यक्रमों को शनिवार की होने वाली बैठक के एजेंडा में रखा गया है. उतनी योजनाओं के बारे में कटिहार जिले के लोगों को भी पता नहीं है. जिले के लोगों को 100 दिन रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना लागू की गयी. पर जमीनी स्तर पर यह योजना पूरी तरह से सफलीभूत नहीं हो सका. बड़ी संख्या में लोग अभी भी रोजगार के लिए दूसरे बड़े शहर की ओर पलायन कर रहे है. बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मध्याह्न भोजन योजना शुरू की गयी. विद्यालय में एमडीएम संचालित किया जा रहा है. पर इसकी भी स्थिति कटिहार जिले में ठीक नहीं है. आंगनबाड़ी केंद्र के लाभुक महिला एवं बच्चों को पोषाहार देने के लिए जो व्यवस्था आईसीडीएस की गयी है. उससे लाभुकों को पोषाहार नहीं मिल रहा है. इसी तरह स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया. पर अभी भी बड़ी संख्या में लोग खुले में शौच करते हैं. ऐसे लोगों के यहां अब तक शौचालय नहीं बन सका है. बानगी के तौर पर यहां कुछ योजनाओं की ग्राउंड रियलिटी से रूबरू कराया गया है. कमोवेश अधिकांश योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति ऐसी ही है. बैठक में इन योजनाओं व कार्यक्रम की होगी समीक्षा डीएम की ओर से जारी पत्र के अनुसार बैठक में आमंत्रित होने के साथ-साथ कार्यवली भी दी गयी है. इस पत्र के अनुसार दिशा की बैठक में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय व विभागों से जुड़ी कुल 67 योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की जायेगी. मनरेगा, डीडीयू अन्त्योदय योजना, डीडीयूजी कौशल योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता , प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी व ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन शहरी व ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम, डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, समग्र शिक्षा अभियान, समेकित बाल विकास योजना, मिड-डे मील स्कीम, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, स्वेल हेल्थकार्ड, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना आदि योजनाएं शामिल है. केस स्टडी-1 जिले में मनरेगा सहित अन्य केंद्र प्रायोजित योजना की स्थिति ठीक नहीं है. मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अधिकांश लोगों को ही 100 दिन का रोजगार नहीं मिल सका है. हालांकि इस वित्तीय वर्ष में करीब दो लाख से अधिक लोगों को कुछ कुछ दिनों के लिए मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है. पर अभी भी बड़ी संख्या में लोग 100 दिन रोजगार पाने से वंचित हैं. यह अलग बात है कि राज्य के अन्य जिलों की तुलना में मनरेगा के क्रियान्वयन में कटिहार बेहतर काम किया है. पर यह भी जमीनी हकीकत है कि मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं होने से पलायन जारी है. केस स्टडी-2 समग्र शिक्षा अभियान के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिए जाने का दावा जरूर होती रही है. पर अभी भी जिले में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है. सरकारी विद्यालय के बच्चों के लिए एमडीएम का प्रावधान किया गया है. पर अभी भी आधे से अधिक बच्चे एमडीएम से वंचित है. विद्यालय में औसतन 60 से 70 फ़ीसदी बच्चों की उपस्थिति हो रही है. दूसरी तरफ करीब 250 से अधिक विद्यालय को बगल के विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया. जिसमें 136 विद्यालय को मर्ज कर उसका अस्तित्व समाप्त कर दिया गया है. ऐसे विद्यालयों के बच्चे बड़ी संख्या में ड्रॉप आउट हो रहे है. दूरी होने की वजह से बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे है.
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