29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

59 वषों से राष्ट्रीय उत्सव के तहत प्रतिवर्ष राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने का कार्य खुद से कर रहे पुनीत

दो-दो बार पाकिस्तानी सेना को सबक सिखाया था आरा के वीर सपूत पुनीत

कटिहार. स्वतंत्रता संग्राम में भारत मां को परतंत्रता की बेड़ियो से स्वतंत्र करने के लिए सैकड़ों भारत के सपूतों ने कुबानी दी थी. लेकिन अपने सेवाकाल में स्वतंत्रता के बाद से लेकर लगातार दो-दो बार पाकिस्तानी सेना को कश्मीर की सीमा पर तैनात होकर सबक सिखाने का काम आरा के वीर सपूत पुनीत सिंह ने कर दिखाया है. वे वर्ष 1962 में बिहार सैन्य पुलिस में नियुक्त हुए और 1965 की लड़ाई में इनकी प्रतिनियुक्ति कश्मीर में कर दी गयी. उस समय भारतीय सेना के अलावा बिहार सैन्य पुलिस के जवानों की भी प्रतिनियुक्ति की गयी थी. कश्मीर में रहकर भारतीय सेनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर उन्होंने पाकिस्तानी सेना के साथ जमकर मुकाबला किया. जबकि पुन: 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई में इनके पूर्व के रिकार्ड को देखते हुए इन्हें कश्मीर में प्रतिनियुक्ति की गयी. पूरे दमखम के साथ प्रत्येक रेजिमेंट के बीच रहकर इन्होंने युद्ध के मैदान में जो जौहर दिखाया. इसी के कारण इन्हें पश्चिमी स्टार पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सम्मान मिले मेडल को सेवानिवृति के बाद श्री सिंह आज भी सम्भाल कर रखे हुए हैं. उन्होंने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि देश की रक्षा के दौरान विदेशियों से संघर्ष करते हुए उनके मानस पटल पर एक ही बात छायी रहती थी. किसी भी परिस्थिति में दुश्मन सेना के मंसूबे को पूरा नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि वे आरा जिला के योग्यता गांव थाना नरही चांदी के निवासी हैं. सेवानिवृति के बाद कटिहार जिला के भेरिया रहिका में ही सपरिवार रह रहे हैं. बिहार सैन्य पुलिस चार में उनकी नियुक्ति वर्ष 1962 में हुई थी. कालांतर में बीएमपी के कई टुकड़ियों से गुजरते हुए बीएमपी सात में रहकर वर्ष 2000 में वे सेवानिवृत हो गये. 1965 में पाकिस्तानी सेनानियों के साथ संघर्ष करने के बाद से ही लगातार पिछले 59 वषों से राष्ट्रीय उत्सव के तहत स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि मौके पर स्वयं से झंडपोस्ट का निर्माण कर प्रतिवर्ष राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने का कार्य खुद से कर रहे हैं. तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सराहनीय सेवा के लिए इन्हें पुलिस पदक से सम्मानित किया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें