रेलवे ने शुरुआत की कर्मवीर पुरस्कार, कटिहार को भी मिला पुरस्कार
रेलवे ने शुरुआत की कर्मवीर पुरस्कार, कटिहार को भी मिला पुरस्कार
कटिहार. रेलवे ने आमलोगों व रेलवे कर्मचारियों दोनों की असाधारण बहादुरी व निस्वार्थ सेवा को मान्यता देने के लिए जोन में पहली बार कर्मवीर पुरस्कार की शुरुआत की है. यह पुरस्कार वीरता, समर्पण और अनुकरणीय सेवा के कार्यों को सम्मानित करता है. जिसने यात्रियों और रेलवे समुदाय की सुरक्षा और कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस वर्ष के कर्मवीर पुरस्कार विजेताओं को पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया. महाप्रबंधक ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी. बहादुरी के ऐसे कार्यों को मान्यता देने के महत्व पर बल दिया.
रेलवे ट्रैक मेंटेनर लक्ष्मी रजक, महिला रेल पुलिस सारिका हुईं सम्मानित
कर्मवीर पुरस्कार में कटिहार डिवीजन के ट्रैक मेंटेनर- न्यू जलपाईगुड़ी लक्ष्मी रजक शामिल हैं. जिन्होंने न्यू जलपाईगुड़ी यार्ड के पास एक रेल फ्रैक्चर का पता लगाया और संभावित दुर्घटना को रोका. सारिका कुमारी, लेडी सब-इंस्पेक्टर, न्यू जलपाईगुड़ी, कटिहार डिवीजन ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक कुख्यात अपराधी को पकड़ा. अजय कुमार मौर्य, सहायक टीएल एंड एसी, तिनसुकिया डिवीजन, जिन्होंने चण्डीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पर बिजली के शॉर्ट सर्किट को तेजी से नियंत्रित किया. एसके शोरिफुल, पॉइंट्समैन बी लामडिंग डिवीजन, जिन्होंने ट्रैक वॉशआउट के दौरान एक ट्रेन को सुरक्षित रूप से रोककर आपदा को टाल दिया. इसके अतिरिक्त मुकेश कुमार रजक, इंस्पेक्टर आरपीएफ चापरमुख लामडिंग डिवीजन, कनक बसु, उप-निरीक्षक,आरपीएफ,हासीमाराअलीपुरद्वार डिवीजन, अमिताभ गोगोई, सहायक उप-निरीक्षक आरपीएफ तिनसुकिया डिवीजन ने 57 ग्राम से अधिक ब्राउन शुगर जब्त की और दो पेडलर्स को पकड़ा. रंगिया डिवीजन के आरपीएफ कांस्टेबल जीतू दास, मिलन कुमार मिंज, ट्रैक मेंटेनर-III/अलीपुरद्वार डिवीजन ने एक महत्वपूर्ण पुल पर खोए हुए रेल क्लिप को ठीक करके एक दुर्घटना को टाल दिया. पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में उत्तरी त्रिपुरा के बिलथाई की निवासी सुप्रीति आचार्यी को विशेष सम्मान दिया गया. 7 अगस्त को आचार्यी ने रेलवे कर्मचारी न होते हुए भी असाधारण सतर्कता और साहस का परिचय दिया, जब उन्होंने धर्मनगर और पानीसागर स्टेशनों के बीच रेल लाइन में फ्रैक्चर देखा. तत्काल सहायता न मिलने के बावजूद उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 139 पर डायल करके रेलवे प्रशासन को सूचित किया और स्थानीय लोगों को इकट्ठा करके किसी भी संभावित आपदा को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की.
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