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नये कानून में दुष्कर्म आरोपित को मिलेगी फांसी की सजा

आइपीसी 302 बदलकर हुई धारा 101, दुष्कर्म 376 जाना जायेगा धारा 63 से

कटिहार. कानून में बदलाव कर उसे संशोधित कर देशभर में नये कानून लागू होंगे, जो संपूर्ण देश व उनके राज्यों में एक जुलाई से प्रभावी हो जायेगा. जिसे लेकर पटना मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिलों में नये कानून को लेकर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है. जिले के विकास भवन के सभागार में लगातार तीन दिनों तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर पुलिस पदाधिकारी नये कानून की जानकारी दी गयी. बताते चले की नयी आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक को मंजूरी मिली. यह कानून मौजूदा कानून इंडियन पीनल कोड आईपीसी सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लिया है. पुराने कानून में हत्या के लिए धारा 302 लगायी जाती थी. जबकि दुष्कर्म के मामले में 376 थी. जिसे बदलकर हत्या के लिए धारा 101 कर दी गयी है. जबकि दुष्कर्म के लिए धारा 63 लगाया जायेगा. जबकि जबकि पुराने कानून में दुष्कर्म को धारा 376 आईपीसी थी. भारतीय दंड संहिता में कुल मिलाकर 511 धाराएं थी. जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बीएनएसएस 531 धाराएं होंगी. नये कानून में सीआरपीसी की 177 धाराओं को बदला गया है और नौ नयी धारा को जोड़ा गया है. भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत 170 धाराएं होगी जबकि अब तक इसमें 166 धारा थी.

90 दिनों के अंदर दाखिल करना होगा आरोप पत्र

नये कानून में 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा के प्रावधान को भी शामिल किया गया है. छह तरह के अपराधों में कम्युनिटी सर्विस की सजा का प्रावधान किया गया है. नये कानून में केस का निपटारा करने के लिए भी टाइमलाइन दी गई है. नये कानून के तहत 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दाखिल करना होगा. 180 दिन में जांच पूरी कर ट्रायल के लिए भेजना होगा. सुनवाई के बाद 30 दिन में फैसला देना होगा. भारतीय न्याय संहिता में यह होगा की कौन सा कृत अपराध है और उसके लिए क्या सजा होगी.

माॅब लिचिंग पर आजीवन कारावास की सजा

नये कानून में मॉब ब्लीचिंग के मामले में आरोप साबित होने पर आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मुकद्दर की जायेगी. सीधे तौर पर कहा जाय कि 5 या इससे भी अधिक लोगों का एक समूह मिलकर जाती या समुदाय के आधार पर किसी की हत्या करता है तो उसे मामले में घटना में शामिल लोगों को आजीवन कारावास की सजा होगी.

नाबालिग से दुष्कर्म पर फांसी, गैंगरेप पर 20 वर्ष की सजा

नये कानून में नाबालिग से दुष्कर्म करने के दोषियों को फांसी की सजा होगी तथा गैंगरेप करने वाले आरोपियों को 20 साल की कैद या फिर आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की जायेगी.

भारत की एकता व संप्रभुता को खतरा होगा अपराध, धारा 150 के तहत होगी करवाई

भारत की एकता एवं संप्रभुता को खतरा पहुंचाना देशद्रोह के अपराध की श्रेणी में होगा. नयी कानून के तहत धारा 150 को बदलाव कर इसे जोड़ा गया है. राजद्रोह को अब अपराध नहीं माना जायेगा.

देश को नुकसान पहंचाने, डायनामाइट या जहरीली गैस के मामले में आतंकी धारा के तहत होगी कार्रवाई

नये कानून व्यवस्था में आतंकवादी कृत्य को भारतीय न्याय संहिता में शामिल किया गया है. नये कानून के तहत जो भी व्यक्ति देश को नुकसान पहुंचाने को लेकर आतंकी घटना डायनामाइट या जहरीली गैस जैसे खतरनाक पदार्थ का इस्तेमाल करेगा, वह आतंकवादी श्रेणी में आयेगा.

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