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विडंबना, आरडीएस कॉलेज सालमारी में वर्षों से नहीं है पुस्तकाध्यक्ष – प्रोफेसर को बनाया गया लाइब्रेरी इंचार्ज

Professor made library incharge

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2024 9:24 PM

कटिहार. आरडीएस कॉलेज सालमारी का हाल बेहाल है. शिक्षकों व कमियों की कमी से एक ओर जहां कॉलेज प्रशासन को कॉलेज संचालन में जूझना पड़ रहा है. दूसरी ओर विडम्बना है कि कॉलेज में पुस्तकालय भवन अवस्थित रहने के बाद भी वषों से पुस्तकाध्यक्ष नहीं है. छात्रों को पुस्तकों की लेनदेन में परेशानी नहीं हो इसको देखते हुए कॉलेज के हिन्दी विभाग के शिक्षक को लाइब्रेरी इंचार्ज बनाकर जैसे-तैसे संचालन का कोरम पूरा किया जा रहा है. जिसका नतीजा है कि छात्र-छात्राओं को समय पर पुस्तकों की लेन देन में परेशानी हो रही है. लाइब्रेरी के रूप में बनाये गये इंचार्ज शिक्षक का कहना है कि वषों से नोड्यूज की व्यवस्था सुचारू रूप से काम नहीं करने के कारण अधिकांश छात्र-छात्राओं को पुस्तक इशु करने में परेशानी हो रही है. जबकि नियमत: पासआउट छात्र-छात्राओं को पुस्तकालय से भी नोड्यूज देने का प्रावधान हैं. इधर अभाविप के बासु कुमार, प्यारे लाल सहित अन्य सदस्यों का कहना है कि पुस्तकालय किसी भी संस्थान के लिए हृदय का काम करता है. पुस्तकालय रूपी हृदय का धडकन जब तक घडकता हैं. तब तक संस्थान का विकास तेजी से होते रहता है. जिस दिन संस्थान का पुस्तकालय रूपी हृदय धड़कना बंद हो जाता है. उस दिन से विकास की गति अवरूद्ध हो जाती है. इस महाविद्यालय में वषों से पुस्तकालय में न तो चतुर्थवगीय कमियों की तैनाती हुई न ही शोर्टर व पुस्तकाध्यक्ष व सहायक पुस्तकाध्यक्ष इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्र-छात्राओं को पुस्तक के लेनदेन में कितनी परेशानी हो रही होगी.

दस हजार पुस्तकों में आधी खराब, शेष पढ़ने योग्य नहीं

आरडीएस कॉलेज सालमारी के पुस्तकाध्यक्ष के इंचार्ज के रूप में कार्य कर रहे हिन्दी विभाग के शिक्षक का कहना है कि पुस्तकालय में करीब दस हजार पुस्तकें हैं. इसमें आधी खराब है जिसे बोरी में बांधकर छज्जी पर रख दिया गया है. जबकि सांसद द्वारा हर साल दो हजार दिये जानेवाली पुस्तकें अनुपयोगी ही है. ऐसा इसलिए कि सिलेवश से संबंधित अधिकांश पुस्तकें नहीं रहती हैं. उनका कहना था कि एक जनवरी 2024 से पुस्तकालय में पुस्तकों की लेनदेन की व्यवस्था शुरू की गयी. तीस अप्रैल तक छात्रों को पुस्तक इशु किया गया है. नोड्यूज की व्यवस्था नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राओं को पुस्तक कॉलेज में ही पढ़ने के लिए उपलब्ध कराया जाता है.

पुस्तकालय भवन के अंदर उग आये पेड़ पौधे

पुस्तकालय भवन का रंग रोंगन व मरम्मति के बाद भी देखरेख के अभाव में भवन के अंदर पेड़ पौधे उग आने से सांप बिच्छू का बसेरा बनने की संभावना बनी रहती है. इससे छात्र-छात्राओं को प्रवेश करने में परेशानी होती है. इसको लेकर इंचार्ज का कहना है कि पुस्तकालय खोलने से लेकर साफ सफाई की व्यवस्था उनके ही कंधे पर है. ऐसा इसलिए की अब तक एक भी चतुर्थवगीय कमी नहीं रहने के कारण इस तरह की परेशानी से जुझना पड़ रहा है.

कहते हैं प्राचार्य

शिक्षक व कर्मियों की संख्या काफी कम है. महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसको लेकर पुस्तकालय को सुचारु रूप से चालू किया गया है. चतुर्थ वर्गीय के नहीं रहने के कारण साफ सफाई को लेकर परेशान होना पड़ रहा है. सही समय पर छात्रों को पुस्तक का लेन देन हो इसका ख्याल रखा गया है.

डॉ दिलीप कुमार यादव, प्राचार्य आरडीएस कॉलेज, सालमारी

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