नमस्कार महामंत्र का श्रद्धा से उच्चारण मात्र से होता है कष्टों का निवारण: जैन मुनि

आचार्य महाश्रमण के विद्वान शिष्य मुनि आनंद कुमार कालू अपने सहयोगी मुनि विकास कुमार के साथ सुबह के प्रवचन में मौन की महत्ता पर प्रकाश डाला.

By Prabhat Khabar News Desk | December 3, 2024 6:10 PM

कटिहार. स्थानीय जैन अतिथि भवन के प्रांगण में मंगलवार को आचार्य महाश्रमण के विद्वान शिष्य मुनि आनंद कुमार कालू अपने सहयोगी मुनि विकास कुमार के साथ सुबह के प्रवचन में मौन की महत्ता पर प्रकाश डाला. मुनि विकास मुनि जो कि विगत 14 वर्षों से लगातार एकांतर तप कर रहे है. जिसका अर्थ एक दिन आहार और अगले दिन निराहार है. एकान्तर तप के साथ दैनिक चर्या में मौन की विशेष साधना कर रहे हैं. पांच से 13 घंटे रोज, नवरात्र में नौ दिन तक का पूर्ण मौन रहते हैं. मुनि आनंद कुमार कालू ने अपने प्रवचनों की कड़ी में पहले वाणी का संयम ही जीवन को बनाता है कि गीतिका का सुमधुर वाचन किया. फिर मौन साधना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मौन की साधना से सिर्फ साधु समाज ही नहीं, अपितु गृहस्थ भी इसकी साधना से एक बड़ी उपलब्धि मानसिक स्तर पर प्राप्त कर सकते हैं. जैन धर्म का स्व उत्पति नमस्कार महामंत्र का विश्लेषण करते हुए इसकी सारगर्भिता पर प्रकाश डाला. नमस्कार महामंत्र का सिर्फ़ श्रद्धा से उच्चारण मात्र से ही बड़े-बड़े संकट कट जाते हैं. इस अवसर पर अनेक लोग उपस्थित थे.

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