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ग्रामीण कार्य प्रमंडल बारसोई की उदासीनता से अबतक नहीं बनी सड़क

लोकसभा चुनाव कटिहार संसदीय क्षेत्र में संपन्न हो चुका है. विकास एवं कल्याणकारी योजनाएं अब रफ्तार पकड़ने लगी है. पर कई ऐसी सड़कें हैं, जो अभी भी जर्जर स्थिति में है.

कटिहार. लोकसभा चुनाव कटिहार संसदीय क्षेत्र में संपन्न हो चुका है. विकास एवं कल्याणकारी योजनाएं अब रफ्तार पकड़ने लगी है. पर कई ऐसी सड़कें हैं, जो अभी भी जर्जर स्थिति में है. जबकि अब बरसात का मौसम आने वाला है. इसी तरह का एक महत्वपूर्ण सड़क शहर के कल्याण चौक पेट्रोल पंप के सामने से एक पक्की सड़क गरभेली, धुस्मर, खैरा, रतनपुरा, डंडखोरा होते हुए वाया कंधरपेली, दुर्गागंज, कदवा तक जाती है. कदवा में यह सड़क बारसोई-बलरामपुर जानेवाली सड़क में मिल जाती है. यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी है. पर वर्तमान में यह सड़क जर्जर हो चुकी है. इस सड़क का निर्माण ग्रामीण कार्य प्रमंडल बारसोई एवं कटिहार की देखरेख में हुई है. कटिहार शहर से खैरा संथाली मोड़ तक का सड़क ग्रामीण कार्य प्रमंडल कटिहार की देखरेख में है. जबकि खैरा गांव से कंधरपेली तक करीब 14-15 किलोमीटर की यह सड़क ग्रामीण कार्य प्रमंडल बारसोई की निगरानी में है. जानकारों की मानें तो सड़क निर्माण करने के बाद पांच साल तक सड़क की अनुरक्षण करने की जिम्मेदारी संबंधित संवेदक की होती है. कटिहार शहर से खैरा संथाली मोड़ तक तो सड़क की मरम्मति हर साल होती है. लेकिन ग्रामीण कार्य प्रमंडल बारसोई अंतर्गत खैरा गांव से कंधरपेली तक के सड़क की मरम्मति पिछले दो वर्षों से नहीं हुई है. जबकि हर साल सड़क की मरम्मति के लिए विभाग से राशि उपलब्ध करायी जाती है. खासकर खैरा गांव से कंधरपेली तक जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है. गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढा है. इसका आकलन करना भी मुश्किल हो जाता है. अब तो लोग एवं वाहन चालक इस तरह का सड़क को देखते हुए यह गाना गुनगुनाने लगता है कि ए भाई जरा देख के चलो.. आगे भी नहीं पीछे भी. दरअसल कदवा, डंडखोरा प्रखंड के लोगों के लिए जिला मुख्यालय जाने का यह मुख्य सड़क है. सड़क की मरम्मती या जीर्णोद्धार नहीं होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप रहा है तथा आने वाले दिनों में आंदोलन की तैयारी में जुटे है.

मरीजों को होती है अत्यधिक परेशानी

स्थानीय निवासी शांता देवी कहती हैं कि यह सड़क दो प्रखंड एवं कटिहार जिला मुख्यालय को जोड़ती है. सबसे अधिक परेशानी महिला डिलीवरी के समय होती है. रात्रि में कोई सवारी जाने को तैयारी नहीं होता है. जिससे काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. स्थानीय कदवा व डंडखोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से महिलाओं व अन्य गंभीर मरीजों को कटिहार रेफर किया जाता है. ले जाने व कटिहार से लाने में परेशानी होती है.

गड्ढे में तब्दील हो गयी है सड़क

डंडखोरा निवासी अख्तर हुसैन ने कहा कि कंधरपेली-डंडखोरा होते हुए कटिहार मुख्यालय की ओर जाने वाले सड़क के गड्ढे में तब्दील होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस सड़क से गुजारना टेडी खीर है. द्वाशय, भमरैली, डंडखोरा, विकासनगर, दुर्गास्थान, रतनपुरा, खैरा गांव के लोगों को मुख्य सड़क होने के कारण दिनभर दोपहिया, चार पहिया वाहन से लोगों की आवाजाही इस होकर होती है. इस सड़क के जर्जर रहने के कारण कई बार दुर्घटना हो चुकी है.

उदासीनता का शिकार है सड़क

स्थानीय किसान निर्मल कुमार ने बातचीत में कहा कि किसान को बाजार तक अपनी अनाज को पहुंचाने में काफी कठिनाई का सामना पड़ता है क्षेत्र की बड़ी आबादी के लिए यह सड़क लाइफ लाइन के रूप में माना जाता है. सड़क के गड्ढे में तब्दील हो जाने की वजह से एंबुलेंस व अन्य बीमार लोगों को भी जाने में कठिनाई होती है. इस मुख्य सड़क की दुर्दशा को देखकर स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप रहा है. इस मामले में स्थानीय जन प्रतिनिधि व जिला प्रशासन भी उदासीन है.

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