आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञ स्थल निरीक्षण के साथ डीपीआर की कर रहे जांच, जून 2022 में सीवेज निर्माण को लेकर लायी गयी थी योजना कटिहार. नगर निगम के वार्डों के मोहल्लों के रसोई घरों का गंदा पानी, सैफ्टिक टैंक से निकलनेवाले कचरों को जहां-तहां फेंके जाने से जमीन व ग्राउंड वाटर दूषित होने की समस्या से निजात दिलाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए बुडको शहर के दो स्थानों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करायेगा. केंद्र सरकार की ओर से आइएनडी इंटर सेक्शन एंड डायवर्सन और स्टीपी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट योजना से शहर के दो स्थानों पर सीवेज का निर्माण किया जाना है, जिसमें पहला राेजितपुर और दूसरा हवाईअड्डा में. इस क्रम में आइआइटी रूड़की के एक विशेषज्ञ स्थल निरीक्षण कर डीपीआर की जांच कर रहे हैं. विभागीय सूत्रों की मानें तो निर्माण कार्य को लेकर प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जांच रिपोर्ट 2022 में विभाग को भेजी गयी है. नवंबर 2024 में एप्रुअल कराकर टेंडर के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है. विभागीय पदाधिकारियों की मानें तो इन सभी प्रक्रिया के बाद छह माह के अंतराल में कार्य शुरू हो सकता है. डीपीआर तैयार करने मुख्यालय से आयी थी बुडको की टीम मालूम हो कि डीपीआर तैयार करने के लिए मुख्यालय पटना से बुडको की टीम 2022 में आयी थी. आइआइटी रूड़की से आये एक विशेषज्ञ डीपीआर की जांच कर रहे हैं. मालूम हो कि इस योजना को लाने में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सह सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद की महती भूमिका रही है. विभागीय पदाधिकारियों की मानें तो इस योजना का मूर्तरूप हो जाने से ग्राउंडवाटर को दूषित होने से बचाया जा सकता है. इधर, बुडको के परियोजना निदेशक संजय मिश्रा का कहना है कि डीपीआर की जांच आइआइटी रूड़की के एक विशेषज्ञ कर रहे हैं. दोनाें जगहों का स्थल निरीक्षण करा लिया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है