हसनगंज में अपने पूर्वजों की याद मनाया गया शब-ए-बरात
हसनगंज में अपने पूर्वजों की याद मनाया गया शब-ए-बरात
हसनगंज प्रखंड अंतर्गत मुस्लिम बाहुल्य गांव ढेरुआ, हसनगंज, दहियारगंज समेत पांचों पंचायत में अल्लाह की इबादत की रात मुस्लिम समुदाय के लोग अपने-अपने पूर्वजों को याद कर उनके नाम पर मोमबत्ती व चिराग जलाकर फातिहा पढ़ने का पर्व शब-ए-बारात गुरुवार की रात पूरे प्रखंड में मनाया गया. इस पर्व पर मस्जिदें इबादतगारों से गुलजार रही. पूरी रात अकिदतमंद लोग मस्जिद व घरों में अल्लाह के इबादत में मशगूल रहे. इस पर्व को लेकर सुबह से ही मुस्लिम घरों में उत्साह बना रहा. जहां बच्चे पूरे उमंग से लबरेज रहे. महिलाएं घरों की साफ-सफाई करने के बाद पकवान बनाने में व्यस्त रहीं. दूसरी तरफ युवा वर्ग द्वारा मस्जिद व कब्रिस्तानों की साफ सफाई के साथ उन्हें दुधिया व रंगीन लाईटों से सजाया गया था. शाम होते ही बने पकवानों की नियाज व फातिहा की गयी. उसके बाद कब्रिस्तान जाकर पूर्वजों के कब्र पर फातिहा पढ़े गये. उनके लिए दुआएं मांगी गयी. इसके बाद रात को इबादतगारों से मस्जिद गुलजार हो गयी. इस दौरान मझला टोला ढेरुआ जमा मस्जिद के इमाम मौलाना आफताब, मौलाना इम्तियाज हाशमी, मौलाना अबुल हसन, मौलवी इसराफिल ने बताया कि शब ए बारात की पूरी रात इबादत करना चाहिए. ये रात भी सब ए कद्र के रूप में जाना जाता है. इससे इबादत के बदले अल्लाह अपने बंदों को पूरा-पूरा शबाब इनायत फरमाता है. शब ए बारात के दिन अल्लाह के घर में जमीं के सारे रूह के एक साल का लेखा जोखा होता है. इस रात जागकर कुरान की तिलावट से लेकर विशेष इबादत की जानी चाहिए. इस रात में अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए. बेशक अल्लाह माफ कर देता है.
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