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अलॉटमेंट नहीं होने से तीन माह से शमशेरगंज की सड़क नहीं हुई शुरू

आमजनों को हो रही आवागमन में परेशानी, रात में इष्टदेव के नाम का सहारा लेकर करते हैं आवाजाही

कटिहार. निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर दो शमशेरगंज जाने वाली सड़क वर्षों से जर्जर है. 10 वर्षों से एक ही पार्षद व इस बार इसी मोहल्ले के पार्षद बनाने का भी लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. खासकर कटिहार-पूर्णिया एनएच 131ए भेरिया रहिका से शमशेरगंज बहादुराबाड़ी प्राथमिक विद्यालय तक जाने वाली करीब ढाई किलोमीटर खरंजा सड़क बनने के बाद से ही जर्जर है. स्थिति इस तरह भयावह हो गयी कि लोगों को आवागमन में परेशान होना पड़ रहा है. दिन में किसी तरह शमशेरगंज के लोग आवागमन कर लेते हैं. शाम होते ही अपने घर जाने के लिए अपने इष्टदेव के नामों का सहारा लेते हैं. हालांकि इस बार इसी वार्ड के पार्षद बनने के बाद कार्य का शुभारंभ किया गया. करीब छह माह पूर्व ढाई किलोमीटर लंबी सड़क में मोहल्ले की ओर से महज 950 फीट का पीसीसी 49.50 लाख से बनाया गया. उसी वक्त 1450 फीट करीब 52 लाख रुपये से पीसीसी निर्माण को लेकर विभाग द्वारा मापी कराया गया. टेंडर प्रक्रिया में भी डाला गया. लेकिन अलॉटमेंट के अभाव में अब तक लटके रहने से मोहल्ले के लोगों के बीच आक्रोश पनप रहा है. मोहल्ले के लोगों में हबीबुर्रहमान, अशफर, बदीरूद्दीन, मुनीर मौलबी, सैदुर्रहमान, काजल समेत अन्य का कहना है कि 1998 में उक्त खरंजा का निर्माण किया गया था. तब से अब तक न तो मरम्मत किया गया न ही इस ओर पहल किया गया. जिसका नतीजा है कि आज खरंजा से ईंट गायब है. जगह-जगह गढ्ढा बन जाने की वजह से लोग मुख्य सड़क से कम पगडंडी का सहारा लेकर अपने मोहल्ले में प्रवेश करते हैं. मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती है. रात में यह परेशानी और अधिक हो जाती है. नाला नहीं रहने के कारण घर के बगल में गढ्ढा कर गंदा पानी का हो रहा संग्रह शमशेरगंज मोहल्ले की स्थिति इस कदर खराब है कि सड़क के अभाव में जहां लोग पगडंडी के सहारे आवागमन करते हैं. दूसरी ओर नाला नहीं रहने के कारण लोग अपने घरों के पीछे या बगल में गढ्ढा कर गंदा पानी को संग्रह करने को विवश हैं. होने वाली जलजनित बीमारी को लेकर वार्ड के लोगों को हमेशा डर सताते रहता है. मौलबी बदरूद्दीन, जहांगीर समेत अन्य की माने तो निगम के दो वार्ड का शमशेरगंज माेहल्ला हमेशा से ही उपेक्षित रहा है. विकास कार्य के नाम पर हमेशा से वे लोग ठगे जा रहे हैं. इस मोहल्ले का पार्षद को जीताने का भी काेई लाभ नहीं मिल पा रहा है. तीन माह पूर्व उक्त सड़क का टेंडर हो जाने के बाद भी आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होना एक सवाल खड़ा कर रहा है. कहते हैं वार्ड पार्षद मुहल्ले जाने वाली मुख्य सड़क काफी लंबी है. इस वजह से एक बार में सड़क निर्माण कार्य संभव नहीं बताया जा रहा है. प्रथम फेज के तहत करीब 49 फीट मई-जून में पीसीसी निर्माण किया गया. दूसरे फेज के तहत करीब 1450 फीट निर्माण होना है. इसके लिए तीन माह पूर्व मापी कराकर टेंडर प्रक्रिया भी पूरा कर लिया गया है. अलाटमेट नहीं होने के कारण अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. तीन माह बाद भी अलाटमेट नहीं होना यह जांच का विषय है. मुसर्रत जहां, पार्षद, वार्ड दो

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