कुरसेला. माघी पूर्णिमा पर त्रिमोहनी संगम तट पर प्रस्तावित गंगा आरती अध्यात्मिक रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर जिला गंगा समिति के डीपीओ ब्रज मोहन यादव व नेहरु युवा केंद्र के एमटीएस विक्रम कुमार ने तट का शुक्रवार को स्थल निरीक्षण किया. निरीक्षण क्रम में संगम तट पर मेला तैयारी सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली. गंगा तट के स्थल निरीक्षण पर उपस्थित संगम बाबा, समाजसेवी प्रिंस राज, मोहित कुमार झा सहित स्थानीय ग्रामीणों ने गंगा आरती को भव्य और सफल बनाने का सुझाव रखा. स्थानीय ग्रामीणों ने आयोजन में सहयोग और भागीदारी का आश्वासन दिया. त्रिमोहनी संगम के उत्तरवाहिनी गंगा तट पर प्रस्तावित गंगा आरती को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अस्थि विसर्जन की विशेष 77वीं वर्ष गांठ और नमामि गंगे अभियान को बढ़ावा देने का उद्देश्य बताया गया. गंगा आरती के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन किये जाने की बात बतायी गयी. बताया गया कि जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से आयोजन के सफलता के लिए आवश्यक सहयोग की अपेक्षा की जा रही है. त्रिमोहनी संगम पर प्रथम बार गंगा आरती का आयोजन प्रस्तावित है. प्रस्तावित गंगा आरती को लेकर श्रद्धालुओं में हर्ष है. माना जा रहा है कि इस तरह के धार्मिक आयोजन से संगम तट की महत्ता अधिक बढ़ेगी. संगम बाबा ने बताया कि संगम तट होने से इस उत्तरवाहिनी गंगा में डूबकी लगाने सें कुंभ स्नान का फल प्राप्त होगा. कुंभ स्नान नहीं जा सकने वाले श्रद्धालु माघी पूर्णिमा पर यहां आकर गंगा में डूबकी लगा कर पुण्य का भागी बन सकते है. उन्होंने बताया कि माघी पूर्णिमा पर संगम तट पर मेला लगाने हवन यज्ञ रामायण पाठ और रात्री में गंगा सेवन करने वाले श्रद्धांलओं के लिए मुफ्त ठहराव भोजन की व्यवस्था की गयी है.
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