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अमदाबाद के आधा दर्जन पंचायतों में भीषण बाढ़ से त्राहिमाम की स्थिति

सरकारी सुविधा नादारत, टकटकी लगाये है लोग

अमदाबाद. प्रखंड के हर तरफ बाढ़ का पानी ही पानी दिख रहा है. आधा दर्जन पंचायतों में बाढ़ से त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. गंगा व महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. जलस्तर में वृद्धि होने से प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. चौकिया पहाड़पुर पंचायत के वार्ड संख्या 10 व 11 गदाई दियारा, कस्बा टोला, पिलर टोला, दाताराम टोला पार दियारा पंचायत के युसूफ टोला, सूबेदार टोला, दुर्गापुर पंचायत की नारायणपुर, लक्खी टोला, राम अवतार कॉलोनी, दक्षिणी करीमुल्लापुर पंचायत के हरदेव टोला, झब्बू टोला सहित दर्शनों गांव में बाढ़ का पानी पिछले एक माह पूर्व प्रवेश कर गया था. इसके बाद बीच में कुछ दिनों के लिए गंगा एवं महानंदा नदी के जलस्तर में कमी आयी थी. तब गांव से पानी धीरे-धीरे उतरने लगा. उसके बाद करीब एक सप्ताह पूर्व से अचानक गंगा एवं महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने लगी. जिससे पुनः उपरोक्त पंचायतों के सभी गांव में बाढ़ का पानी अपना पांव पसार दिया है. जिससे लोगों को भोजन, पानी सहित अन्य समस्या उत्पन्न हो गयी है. वार्ड सदस्य पन्नू चौधरी ने बताया कि गदाई दियारा गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से यहां के लोगों को रोजी रोजगार बंद हो गया है. लड्डू मंडल ने बताया कि सुखा रुखा खाकर समय गुजर रहे हैं. समरूप चौधरी, प्रताप चौधरी, रमेश मंडल, शंकर चौधरी, मिथुन चौधरी, रमेश चौधरी आदि लोगों ने बताया कि बाढ़ का दंश करीब डेढ़ माह से झेल रहे हैं. प्रशासन हमारी सुधि लेने भी नहीं आई. सुखा रुखा खाकर समय गुजार रहे हैं. रात में बाढ़ के पानी में मचान पर रात जगा कर समय को काट रहे हैं. बाल बच्चे साथ बाढ़ के पानी में सांप बिच्छू के हमेशा भाय बना रहता है.

मवेशी पालकों की बढ़ गयी है परेशानी, चारा नहीं मिलने से परेशान

उधर मवेशी पलकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मवेशी पलक के लिए बाढ़ गंभीर समस्या बन गयी है. उन्हें मवेशियों का चारा जुटाने में रात दिन एक कर देना पड़ रहा है. साथ ही सुखे स्थल भी कहीं नहीं बचे हैं. एक पीसीसी ढलाई सड़क है. जिस पर सैकड़ों मवेशी को बांधकर रखा गया है. हालांकि मवेशी बांधने के कारण लोगों को आने-जाने में तकलीफ होती है. लेकिन लोगों के पास कोई विकल्प भी नहीं है. जिस वजह से चौकिया पहाड़पुर पंचायत के वार्ड संख्या 11 के बाढ़ पीड़ित परिवार सड़क पर ही अपना मवेशी को रखे हैं. भूखे प्यासे मवेशी भी तड़प रही है.

शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा, गंदा पानी पीकर बीमार हो रहे लोग

बाढ़ पीड़ित परिवारों के समक्ष शुद्ध पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. प्रशासन द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारी हवा हवाई साबित हो रही है. कहीं पर भी पूर्व से बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था की गई है. चिन्हित शरण स्थल पर पूर्व से चापाकल नहीं लगवाई गई है. और ना ही उन्हें रहने के लिए उचित व्यवस्था की गई है. बाढ़ पीड़ित परिवार यत्र तत्र स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

शौचालय की बड़ी समस्या

यहां तक की बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए शौचालय का भी व्यवस्था नहीं करायी गयी है. जिस वजह से बाढ़ पीड़ित परिवारों की अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

नाव ही रह गया है एक मात्र साधन

भीषण बाढ़ की स्थिति में लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने जाने के लिए एकमात्र नाव ही सहारा रह गया है. इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा सरकारी अस्तर पर महज सात ही नाव की परिचालन की जा रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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