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जिले में शराब तस्करी पर रोक लगाना नव पदस्थापित पुलिस कप्तान के लिए चुनौती

सीमावर्ती क्षेत्र झारखंड व बंगाल से सटा है जिला

कटिहार. जिले में शराब की बिक्री थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विदेशी एवं देसी शराब की बिक्री पर पूर्णत: रोक लगाना नव पदस्थापित पुलिस कप्तान के लिए भी एक चुनौती है. क्योंकि जिले के कई थाना क्षेत्र पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के सीमा को छूती है. बारसोई अनुमंडल एवं मनिहारी अनुमंडल के कई थाना झारखंड एवं पश्चिम बंगाल क्षेत्र से लगा है. खासकर जिले का आबादपुर थाना, बलरामपुर, कचना, तेलता, सुधानी, आजमनगर एवं प्राणपुर व रौशना थाना बंगाल की सीमा से लगा हुआ है. जबकि मनिहारी व अमदाबाद झारखंड से सटा हआ है. यही वजह है कि जिले में पूर्णतः शराब की बंदी के बाद भी शराब बिक्री पर रोक नहीं लग पायी है.

झारखंड व पश्चिम बंगाल से सटा सीमा क्षेत्र

जिले की भौगोलिक परिसीमन ही ऐसी है की शराब की तस्करी एवं बिक्री पर नकेल कसना वाकई में एक चुनौती है. बलरामपुर थाने की बात की जाए तो इस थाना क्षेत्र का परिसीमन, बिहार के कटिहार को छुती है. इसके बाद बंगाल आता है. पुनः कटिहार थाना क्षेत्र उसके बाद बंगाल, ऐसे में शराब की तस्करी व बिक्री पर प्रतिबंध सबसे बड़ी चुनौती है.

सड़क, रेल व जल मार्ग से होती है शराब की तस्करी

जिले की भौगोलिक स्थिति की बात की जाए तो पश्चिम बंगाल व झारखंड की सीमा से सटे होने के कारण जिले में शराब की तस्करी नहीं थम रही है. जिसका कारण है कि पश्चिम बंगाल से सड़क, रेलवे एवं जल मार्ग के द्वारा शराब की तस्करी हो रही है. अमदाबाद थाना क्षेत्र का लाल बथानी में नाव से शराब की तस्करी बंगाल एवं झारखंड से की जाती है. ऐसे में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध आसान नहीं है. अब देखना है कि नव पद स्थापित एसपी शराब पर प्रतिबंध एवं तस्करों पर नकेल कसने में सफल होती है अथवा नहीं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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