कटिहार के शहरवासियों को जल्द ही जलजमाव की समस्या से मुक्ति मिल सकती है. राज्य सरकार ने इसको लेकर एक बड़ी पहल की है. शहर के जल-जमाव की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की विशेष पहल पर स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज योजना के रूप में एक बड़ी सौगात मिली है. कटिहार स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज योजना फेज-एक का मुख्य उद्देश्य कटिहार शहर के जल निकासी का विस्तृत प्रबंधन विकसित करना है.
इससे कटिहार शहर के जल-जमाव की समस्या का समाधान होगा. जानकारी के मुताबिक इस योजना के अंतर्गत कुल 25.477 किलोमीटर स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज का निर्माण कराया जायेगा. जिसमें तीन आउटफॉल यथा रोजितपुर आउटफॉल, कोसी प्रोजेक्ट आउटफॉल और कारीकोशी आउटफॉल का निर्माण प्रस्तावित है. इस योजना के क्रियान्वयन पर 220.50 करोड़ की लागत आयेगी तथा योजना का भौतिक कार्य तीन साल में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. कटिहार जिले के लिए बहुप्रतीक्षित एवं महत्वाकांक्षी परियोजना को मंगलवार को कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए बुडको को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया है.
माना जा रहा है कि इस योजना के क्रियान्वयन से कटिहार शहर का कायाकल्प होगा. मुख्य रूप से कटिहार शहर वासी जलजमाव की समस्या से वर्षों से जूझते रहे है. अगर यह योजना जमीन पर उतरती है तो काफी हद तक जलजमाव से मुक्ति मिल जायेगी. मंगलवार को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद स्थानीय शहरवासियों में हर्ष देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि कटिहार नगर निगम क्षेत्र 45 वार्डों में बटा हुआ है. नगर निगम बनने के बाद लोगों को यह लगा था कि जलजमाव से मुक्ति मिलेगी. पर ऐसा हुआ नहीं. लेकिन अब लगता है कि आने वाले वर्षों में कटिहार शहर जलजमाव से निजात पा लेगा.
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जानकारों की मानें तो स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना के अंतर्गत कुल 25.477 किलोमीटर स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज का निर्माण कराया जायेगा. जिसमें तीन आउटफॉल होगा., शहर के रोजितपुर, कोसी प्रोजेक्ट और कारीकोशी में आउटफॉल का निर्माण प्रस्तावित है. इस योजना के क्रियान्वयन पर 220.50 करोड़ की लागत आयेगी तथा योजना का भौतिक कार्य तीन साल में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बुडको को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया है. नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से यह योजना संचालित होगी.
दशकों से कटिहार शहर में जल जमाव की समस्या व्याप्त है. नगर निगम क्षेत्र के 45 वार्ड में अधिकांश हिस्सा जलजमाव की समस्या से जूझता है. शहर के ऐसे कई मोहल्ले है. जहां लोगों के घरों में पानी घुस जाता है. हल्की बारिश में भी सड़क व कुछ कुछ मुहल्ले में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. वर्षों से यहां के लोग जलजमाव की समस्या के समाधान को लेकर ठोस पहल की मांग करते रहे हैं. पर अब तक सिर्फ खानापूर्ति होती रही. लेकिन अब ऐसा लगता है कि मंगलवार को जिस योजना की कैबिनेट से स्वीकृति मिली है. अगर वह धरातल पर उतरती हैं तो काफी हद तक जलजमाव से लोगों को राहत मिलेगी.
उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस संदर्भ में कहा कि मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज योजना फेज-एक की स्वीकृति दी है. डिप्टी सीएम ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य कटिहार शहर के जल निकासी का विस्तृत प्रबंधन विकसित करना है. इससे कटिहार शहर के जल-जमाव की समस्या का समाधान होगा. इस योजना के अंतर्गत कुल 25.477 किलोमीटर स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज का निर्माण कराया जाना है. जिसमें तीन आउटफॉल रोजीत आउटफॉल, कोसी प्रोजेक्ट आउटफॉल और कारीकोशी आउटफॉल का निर्माण प्रस्तावित है.
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन पर 220 करोड़ 50 लाख 92 हजार रुपये की लागत आयेगी तथा योजना का भौतिक कार्य 36 महीनों में पूर्ण होगा. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि कटिहार जिले के लिए बहुप्रतीक्षित एवं महत्वाकांक्षी परियोजना को मंगलवार को कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए बुडको को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को बेहतर नगरीय सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में सतत प्रयत्नशील है. नगर विकास एवं आवास विभाग के स्तर से साफ-सफाई, जल निकासी, जल-जमाव के मामलों पर प्रतिबद्धता के साथ पूरी संवेदनशीलता और मुस्तैदी से काम चल रहा है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan