सुशील चौधरी ने दिया एकता का परिचय, एक हजार कुरान पाक बेची
सुशील चौधरी ने दिया एकता का परिचय, एक हजार कुरान पाक बेची
– जब भी कुरान बेचते नहा धोकर पाक होकर बेचते हैं – समाज उनके जज्बे को करते हैं सलाम फलका. एक ओर जहां धार्मिक भेदभाव व मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियां अपने स्वार्थ के लिए रोटियां सेंकने में लगी हैं. वहीं जिले के फलका प्रखंड के एक छोटे से किताब दुकानदार सुशील चौधरी ने हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव की अनोखी मिसाल पेश की है. सुशील चौधरी ने हाल ही में एक हजार कुरान पाक की प्रतियां बेची हैं. जो न केवल धार्मिक एकता की प्रतीक है. बल्कि उनके इस कदम ने एक नई दिशा भी दिखायी है. सुशील ने यह कुरान की प्रतियां मुस्लिम समुदाय के लोगों को विशेष छूट और सम्मान के साथ बेची. इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार का भेदभाव या पक्षपात न हो. सुशील ने साबित कर दिया कि भारतीय समाज में धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे की भावना को बनाये रखना मुमकिन है. अगर लोग इसे सच्चे दिल से निभायें. सुशील चौधरी के इस कदम ने समाज को यह संदेश दिया कि हिंदू और मुस्लिम सिर्फ धर्म से नहीं, बल्कि इंसानियत और एकता के साथ जुड़े हुए हैं. पहल आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं. जब समाज में अक्सर धर्म को लेकर विभाजन और विवाद उत्पन्न किए जाते है. सुशील का यह कार्य समाज के लिए एक प्रेरणा बन गया है. उनके प्रयासों को सभी समुदायों के बीच सद्भाव और समझ को बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है. कहते हैं समाज के लोग फलका के चंदन कुमार जुगनू, अमित गुप्ता, टुनटुन गुप्ता, शमशेर आलम, तौफीक आलम, जावेद, शाहिद ने बताया कि किताब दुकानदार सुशील चौधरी जिस आस्था से रामायण बेचते हैं. उसी आस्था व स्वच्छता पूर्वक कुरान की प्रतियां भी बेचते हैं. वह हमेशा पाक साफ होकर ही कुरान और रामायण बेचते है. इसलिए इनकी इज्जत हर समाज में है. कहते हैं किताब दुकानदार किताब दुकानदार सुशील चौधरी ने बताया कि हाल ही में एक हजार प्रति कुरान पाक बेचा है. कुरान बेचने से पहले मैं स्नान कर के स्वच्छ होता हूं तब जाकर कुरान बेचता हूं.
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