कटिहार. समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में गुरुवार को अपर समाहर्ता सुमन प्रसाद साह की अध्यक्षता में जिला नीलाम पत्र प्रशाखा की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गयी. बैठक में जिला स्तरीय शक्ति प्रदत्त नीलाम पत्र पदाधिकारी एवं वीसी के माध्यम से सभी सीओ, सभी बीडीओ, सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता शामिल थे. प्रभारी जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी अमरेश कुमार ने बैठक में शामिल सभी नीलाम पत्र पदाधिकारियों से उनके अधीनस्थ लंबित वादों पर विस्तृत चर्चा की एवं सरकारी, गैर सरकारी, राष्ट्रीयकृत बैंकों, सहकारी बैंकों व संस्था एवं निगम से संबंधित राशि वसूली के लिए सभी से वार्ता किया. अपर समाहर्त्ता ने लंबित वादों को त्वरित कार्रवाई करते हुए विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रपत्र क एवं प्रपत्र ख में प्रगति प्रतिवेदन दो दिनों के अंदर जिला नीलाम पत्र प्रशाखा को उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया. जिले में लंबित वादों की संख्या अत्यधिक होने के कारण सभी वादों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर सप्ताह में दो बार कोर्ट करके निष्पादित किया जाना है. नीलाम पत्र वाद के मामले में सर्व प्रथम ऋणी को अधियाचना पदाधिकारी के द्वारा दिये गये वाद के अनुरूप त्वरित कार्यवाही के क्रम में सर्वप्रथम पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट, सरकारी पैसा हड़पने वालों के खिलाफ इस कानून के तहत संपत्तियों की नीलामी की जाती है. बिहार में सरकारी पैसा हड़पने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लोक मांग वसूली अधिनियम बनाया गया है. इस अधिनियम के धारा सात के तहत प्रथम नोटिस निर्गत किया जाता है. तामिला कराने के 30 दिनों के अंदर ऋणी द्वारा आपत्ति अथवा राशि जमा की जाती है. आपत्ति अथवा राशि जमा नहीं करने की स्थिति में ऋणी पर धारा आठ के तहत स्व-शरीर गिरफ्तारी (बॉडी वारंट) का नोटिस निर्गत किया जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है