बलरामपुर प्रखंड में नल जल योजना फ्लॉप, आमलोगों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल

बलरामपुर प्रखंड में नल जल योजना फ्लॉप, आमलोगों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2025 8:02 PM

– बकरी बांधने के काम आ रही सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए लगाया गया नल बलरामपुर सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाली हर घर नल जल योजना बलरामपुर प्रखंड में पूरी तरह विफल साबित हो रही है. प्रखंड का कोई ऐसा पंचायत और वार्ड नहीं है. जहां यह योजना सुचारू रूप से संचालित हो रहा है. यही वजह है कि करोड़ों खर्च के बावजूद लोगों को नल से शुद्ध जल नहीं मिल रहा है. पदाधिकारियों के रजिस्टर और रिपोर्ट में भले ही यह इस योजना को पूर्ण दिखाकर हर घर को नल का शुद्ध जल मिलने की बात कही जा रही है. लेकिन सरजर्मी पर हकीकत विपरीत है. आमलोगों का आरोप है कि प्रखंड में यह योजना अनियमितता की भेंट चढ गयी है. इस योजना की उच्च स्तरीय जांच करायी जाए तो प्रत्येक पंचायत में लाखों रुपये की अनियमितता उजागर हो सकती है. प्रखंड के बारह पंचायतों के लगभग सभी वार्डों में जलापूर्ति के लिए पानी टंकी भी बनाये गये हैं. लेकिन प्रखंड के कुछ वार्डों को छोड़ दें तो एक भी परिवार की प्यास इस योजना के जल से नहीं बुझ रही है. कई पंचायतों में सात निश्चय योजना के तहत पानी का टंकी तो बना दिया गया है. लेकिन अब नल तक पानी नहीं पहुंच रही है. कुछ स्थानों पर पाइप बिछाया गया है तो उसमें पानी सप्लाई नहीं हो रही है.शरीफनगर पंचायत के वार्ड संख्या-14 के वार्ड सदस्य सावित्री देवी ने बताया कि मेरे वार्ड में एक जलमीनार का कार्य वर्ष 2021 में ही पूरा कर लिया गया था. जो की सितमटोला गांव में स्थित है. जिसमें अभी पानी सप्लाई हो सकती है. लेकिन लीकेज ठीक नहीं होने का कारण पानी की सप्लाई बाधित है. दूसरा प्लांट मुख्यमंत्री जनता दरबार में शिकायत करके उन्होंने कार्य प्रारंभ कराया था. उसमें सिर्फ पाइप बिछाकर और स्ट्रक्चर का कार्य पूरा करके छोड़ दिया गया है. लीकेज को लेकर उन्होंने कई बार अधिकारी से शिकायत की, पर कोई लीकेज को मरम्मत करने नहीं आया. साहपुर पंचायत के वार्ड संख्या-03 के वार्ड सदस्य प्रतिनिधि यासिन अली ने बताया कि हमारे वार्ड के तीन गांव धुमटोला, झोटियापीर व साहपुर गांव में अब तक जल प्लांट लगाया भी नहीं गया है. और न ही पाइपलाइन का कार्य किया गया. उन्होंने बताया कि हमने कई बार संबंधित अधिकारी को लिखित शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रखंड के कई वार्डों में नल जल संचालक को भुगतान नहीं मिलने के कारण भी पानी का सप्लाई संचालक द्वारा रोक दिया गया. यही कारण है कि क्षेत्र के लोग अब भी आयरन युक्त पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो शिकायत करने के बाद न तो ठेकेदार आते हैं न उनके कर्मचारी आते हैं और न ही जलापूर्ति योजना से जुड़े कोई अधिकारी ही उनकी सुनने के लिए आते हैं. हाल यह हो गया है कि अधिकांश जगहों पर नल के जल का पाइप टूट चुका है, तो कहीं पर पाइप को उठा किनारे में रख दिया गया है.

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