अंगीभूत महाविद्यालय में बिना सक्षम प्राधिकार के अनुमति प्राप्त दैनिक मजदूरी के लिए रखे गये कर्मियों पर गज गिरना तय है. इससे संबंधित पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजनाथ यादव के आदेश पर पीयू कुलसचिव डॉ आनंद प्रसाद गुप्ता ने अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्य व प्रभारी प्राचार्य को अवगत कराते हुए दो अप्रैल को एक पत्र जारी कर चेतावनी दिया है. जारी पत्र में बताया गया है कि 16 मार्च 24 के आलोक निर्देश के आलोक में बिना सक्षम प्राधिकार के अनुमोदन प्राप्त किए हुए. दैनिक मजदूरी अथवा अन्य आधार पर तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति कर उनसे कार्य लिया जाना अनुचित है. इसके कारण उच्च न्यायालय में वाद दायर होते हैं. फलस्वरूप विभाग एवं विश्वविद्यालय को असहज की स्थिति का सामना करना पड़ता है. विभागीय निर्देश के आलोक में इस तरह के गलत एवं अमान्य परंपरा पर रोक लगाया जाना आवश्यक है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में इस तरह के मामले उच्च न्यायालय में दायर होते हैं तो इसकी संपूर्ण जिम्मेवारी संबंधित प्राचार्य की होगी. इस आलोक में यदि महाविद्यालय द्वारा स्वीकृत या अस्वीकृत पद के विरुद्ध दैनिक मजदूरी अथवा अन्य माध्यम से कर्मचारी दैनिक कार्य के लिए रखा गया है तो उनको रखे जाने का उचित या अभिप्राय को स्पष्ट करते हुए किसी सक्षम प्राधिकार से अनुमति प्राप्त कर उनकी सेवा ली गयी है. उन्हें किए गए भुगतान के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को लेकर सुनिश्चित किया जाये.
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बिना अनुमति कॉलेज में दैनिक रूप से कार्य कर रहे कर्मियों पर गिरेगी गाज
पीयू कुलसचिव डॉ आनंद प्रसाद गुप्ता ने प्राचार्य को चेताया
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