कटिहार. अनंत चतुर्थी का पर्व मंगलवार को मनाया जायेगा. पर्व की तैयारी को लेकर सोमवार की देर शाम तक श्रद्धालु तैयारी में लगे हुए थे. बाजार में अनंत सूत्र खरीदारी करते दिखे. देर शाम तक श्रद्धालु फल पूजा की सामग्री व अनंत सूत्र की खरीदारी करने में लगे हुए थे. हिंदुत्व धर्म इस पर्व का अलग ही महत्व है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चौदस को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है. जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. बड़ी दुर्गा स्थान के पुजारी अजय मिश्र ने बताया कि अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु के इसी अनंत स्वरूप को प्रसन्न करने और अनंत फल पाने की इच्छा से व्रत रखा जाता है. इस बार अनंत चतुर्दशी की तिथि का आरंभ सोमवार के दोपहर 3:10 पर शुरू हो गया, और इस तिथि का समापन 17 सितंबर को सुबह 11:44 पर होगा. उदय तिथि के अनुसार इसलिए अनंत चतुर्दशी इस बार 17 सितंबर को मनाया जायेगा. इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना बहुत ही उत्तम माना गया है. इस दिन लोग घरों में सतनारायण कथा भी करवाते हैं. इस पर्व को महिलाएं सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत करती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु के सामने 14 गांठ वाला अनंत सूत्र धागा बाह में बांधा जाता है. पूजा में भगवान विष्णु की प्रार्थना करके उनकी कथा सुनने का बड़ा महत्व है. पुराण कथाओं की मानें तो कौरवों ने छल से जुए में पांडवों को हरा दिया था. इसके बाद पांडवों को अपना राजपाट त्याग कर बनवास जाना पड़ा था. वहां उन्होंने बहुत कष्ट उठाया. ऐसे में जब एक दिन भगवान श्री कृष्ण कौरवों से मिलने आए थे तो युधिष्ठिर ने इस पीड़ा से निकलने का मार्ग पूछा तभी श्री कृष्ण ने कहा कि आप सभी भाई पत्नी भाद्र शुक्ल चतुर्दशी व्रत रखें और अनंत भगवान की पूजा करें आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी. श्रद्धालु बड़े भक्ति भाव के साथ अनंत चतुर्थी पर्व मनाते हैं और अनंत सूत्र अपनी बांह में बांधते हैं. इस सूत्र को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है.
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