टीकाकरण के बाद बच्ची की स्थिति बिगड़ी, अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गयी मौत

परिजनों ने कहा एएनएम ने गलत जगह टीका लगाने से बच्ची की स्थिति बिगड़ी

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2024 10:27 PM

कटिहार. शहर के वार्ड नंबर 43 डेहरिया गाछी टोला में 14 महीने की बच्ची को नियमित टीका देने के बाद शरीर में इन्फेक्शन फैलने पर सोमवार इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गयी. परिजनों ने आरोप लगाया की बच्ची को गलत जगह पर टीकाकरण करने के कारण बच्ची के शरीर में इंफेक्शन फैल गया. जिस कारण उनकी मौत हो गयी. बच्ची की मां राधा देवी ने बताया कि पिछले बुधवार को स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 87 में उनकी बेटी को नियमित टीकाकरण किया गया था. टीकाकरण के बाद बच्चे की हालत खराब रहने लगी. उसकी तबीयत बिगड़ती ही चली गयी. सोमवार को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गयी. मां राधा देवी पिता मनोज पासवान ने आरोप लगाया कि यह स्वास्थ्य कर्मी एएनएम की गलती है. जिस कारण से ही मेरी बेटी की जान गयी है. जबकि इस मामले में आंगनबाड़ी सेविका ने भी जबरदस्ती बच्ची को टीकाकरण करने के लिए आंगनबाड़ी बुलाया था. मां राधा देवी ने बताया कि पिछले टीकाकरण में बेटी को जिस पांव में टिका दिया गया था. वहां पर गुलठी सा हो गया था. जिनके बाद स्वास्थ्य कर्मी ने उस स्थान पर बर्फ से शेक करने के लिए कहा था. इस बीच बच्ची के पांव में जहां पर सुई दी गई थी. वहां पर गुलठी रह ही गया. जबकि बुधवार के दिन मैं और मेरे पति काम पर गये हुए थे. मेरी बड़ी बेटी घर पर थी उन्हें फिर से टीकाकरण करने के लिए मना कर कर गई थी. लेकिन आंगनबाड़ी सेविका के द्वारा दबाव डालते हुए मेरी बड़ी बेटी को मेरी बच्ची को लेकर आंगनवाड़ी टीका दिलाने के लिए बाध्य किया. जिनके बाद जहां पर मेरी बच्ची को पांव में तकलीफ थी. उसी स्थान पर एएनएम के द्वारा सुई दे दिया. बुधवार को टीकाकरण होने के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ती चली गयी. जिसकी सूचना हमने आंगनबाड़ी में भी दी. जहां तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दवाई खिलाने के लिए कहा गया. लेकिन उनसे कोई आराम नहीं हुआ. यहां तक कि मैं आंगनबाड़ी में सेविका और स्वास्थ्य कर्मी को एक बार बच्ची को जाकर देखने के लिए भी कहा. लेकिन कोई भी स्वास्थ्य कर्मी घर पर नहीं पहुंचे. बच्ची की हालत बिगड़ देख पूजा खत्म होने के बाद सोमवार को जब सदर अस्पताल इलाज करने के लिए निकले तो बच्चे की मौत रास्ते में ही हो गयी. परिजनों ने आरोप लगाया कि जिस स्थान पर बच्ची को तकलीफ थी. वहीं पर फिर से सुई देने के कारण पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया. जिससे उनकी मौत हो गयी.

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