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चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी ने लोगों को किया बेचैन

लू को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट

बढ़ती गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है. बढ़ती गर्मी से लोग इन दिनों बस हांफते नजर आ रहे हैं. चिलचिलाती धूप व घर के अंदर उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. लगातार मौसम का टेंपरेचर दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. बुधवार को अधिकतम टेंपरेचर 38 डिग्री सेल्सियस रहा तो न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रहा. भरी दोपहरी में 38 डिग्री सेल्सियस की उमस भरी गर्मी लोगों की शरीर को जलाने लगी. चल रहे गर्म हवा के झोंके ने तो और बेचैनी बढ़ा दी. गर्मी से बचाव के लिए जहां-तहां छांव में लोग बैठकर सुस्ताते नजर आये. जबकि इस प्रचंड धूप की तपिश में तो बाजार की भी हालत डगमगा दी है. दोपहर के समय खासकर बाजार में लोग नजर नही आ रहे. दोपहर के समय लोग तो घर से निकलना ही बंद कर दिए हैं. 12 बजे से लेकर तीन बजे तक की सूर्य की तपिश को झेलना काफी कष्टदायक सा हो गया है. इस बढ़ती गर्मी से सबसे ज्यादा मजदूर तबके के लोग परेशान दिख हो रहे हैं. खुली धूप में वह काम करने को मजबूर है. दूसरी तरफ लू को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. हालांकि अभी तक सदर अस्पताल में बनाये गये लू वार्ड में कोई भी मरीज भर्ती नहीं है.

गर्म बढ़ते ही कई बीमारियां भी बढ़ गयी, इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीज

जिस प्रकार ठंड मौसम में लोग कई बीमारियों से ग्रसित होते हैं. वैसे ही गर्म मौसम आते ही कई मुख्य बीमारियां हैं जो आमतौर पर लोगों को अपने चपेट में लेना शुरू कर दी है. वैसे ही कई मामले अस्पताल में भी आ रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि गर्म मौसम आते ही लू न लगना, फूड प्वाइजनिंग, टाइफाइड, मीजल्स, चिकन पॉक्स, स्किन पर रेशे और घमौरी होना, पीलिया आदि बीमारी से लोग ग्रसित होने के ज्यादा संभावना बढ़ जाती है. आमतौर पर गर्म के मौसम में लोग इस तरह की बीमारियों की चपेट में आ ही जाते हैं. डॉक्टर ने बताया कि लू लगना यानी कि हीट स्ट्रोक इसे मेडिकल टर्म में हाइपरथर्मिया कहा जाता है. गर्मी के मौसम में होने वाली सबसे कॉमन बीमारियों में से ये एक है. अगर लंबे समय तक तेज धूप में रहते हैं तो आप लू की चपेट में आ सकते हैं. इंडसहेल्थ प्लस के मुताबिक हीट स्ट्रोक होने पर सिर में तेज दर्द, तेज बुखार, उल्टी, तेज सांस लेना,चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना या बेहोश हो जाना, यूरिन कम पास होना जैसे लक्षण आते हैं. जिसे लू लगना कहते है. लू से बचने के लिए कभी भी खाली पेट बाहर न निकलें. हाइड्रेट रहें और जहां तक हो सके खुद को ढक कर ही धूप में जायें. ज्यादा पानी का सेवन करें. इसके अलावा गर्म बढ़ते ही फूड पॉइजनिंग भी होने वाली एक कॉमन समस्या है. यह दूषित भोजन या पानी के सेवन से होता है. इस मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस तेजी से ग्रोथ करते हैं. ऐसे में शरीर के अंदर अगर किसी तरह का बैक्टीरिया, वायरस, टॉक्सिन आदि चला जाए तो फूड पॉइजनिंग हो सकता है. इसमें पेट दर्द, जी मिचलाना, दस्त, बुखार और शरीर में दर्द आदि होते हैं. इसमें न सिर्फ पेट मरोड़ के साथ दर्द करता है. बल्कि डायरिया, उल्टी जैसी समस्याएं भी नजर आने लगती हैं. इससे ग्रसित तो कई मरीज अस्पताल पहुंचे हैं. जिनका इलाज किया भी गया है और चल भी रहा है.

खानपान में करें परहेज

चिकित्सक ने बताया कि इस मौसम में रोड किनारे बाहर का खाना, खुले में बिक रहा खाना, ठंडा खाना, बासी खाना आदि से परहेज करें. ठंडे खाद पदार्थ का सेवन करें. अभी के मौसम में फास्ट फूड, तला भोजन, ज्यादा तेल माशाला, नॉनवेज खाने से परहेज करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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