कटिहार में बिजली बिल के बड़े बकायेदारों की है लंबी सूची
कटिहार : जिले में बिजली बिल के कई बकायेदारों की लंबी लिस्ट हैं. बिजली बिल भुगतान नहीं होने के कारण बिजली विभाग को लॉकडाउन से अब तक करोड़ों रुपये का राजस्व का घाटा हुआ है. यदि बड़े बकायेदारों बिल का भुगतान करते हैं तो विभाग को राजस्व में बढ़ोतरी के साथ-साथ बिजली विभाग में कई योजनाएं और चालू हो सकती है.
कटिहार : जिले में बिजली बिल के कई बकायेदारों की लंबी लिस्ट हैं. बिजली बिल भुगतान नहीं होने के कारण बिजली विभाग को लॉकडाउन से अब तक करोड़ों रुपये का राजस्व का घाटा हुआ है. यदि बड़े बकायेदारों बिल का भुगतान करते हैं तो विभाग को राजस्व में बढ़ोतरी के साथ-साथ बिजली विभाग में कई योजनाएं और चालू हो सकती है. लॉकडाउन लगने के बाद विभाग की ओर से सरकारी और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए विद्युत बिल की वसूली बंद कर दी गई थी. किसी भी घरेलू और सरकारी विभाग का विद्युत कनेक्शन नहीं काटा गया था. जो अब तक बदस्तूर जारी है. विभाग की ओर से विद्युत बिल भी पत्र जमा करने के लिए ऑनलाइन के साथ-साथ अब काउंटर भी खोल दिया गया है. इसके बावजूद विद्युत विभाग को तय टारगेट का राजस्व जुटाने में पसीने छूट रहे हैं. हालांकि सितंबर माह में घरेलू और सरकारी उपभोक्ता विद्युत बिल विपत्र जमा करने में रुचि दिखा रहे हैं. विभाग के वरीय पदाधिकारियों का मानना है कि सितंबर माह से राजस्व में वृद्धि पूर्व की तरह हो जायेगी.
सरकारी विभाग के पास करोड़ों की राशि बाकी
विद्युत विभाग के वरीय पदाधिकारियों की मानें तो घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा सबसे ज्यादा रकम सरकारी विभाग के कई संस्थानों के पास करोड़ों का राजस्व बकाया है. जिनमें पुलिस विभाग के पास लगभग एक करोड़, भवन निर्माण विभाग के पास 15 लाख, शिक्षा विभाग के पास 75 लाख, स्वास्थ्य विभाग के पास 88 लाख, पथ निर्माण विभाग के पास 18 लाख, पीएचईडी के पास 55 लाख, कोसी परियोजना के पास 50 लाख, महानंदा के पास 25 लाख बकाया है. यदि यह राशि विभाग को मिल जाता है तो काफी हद तक राजस्व में बढ़ोतरी हो सकता है.
प्रीपेड मीटर लगने से हो सकता है बकाया कम
ऊर्जा विभाग की ओर से पिछले दिनों प्रीपेड मीटर लगाने के लिए योजना लाई गयी थी. जिसमें प्रत्येक उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर से जोड़ने का काम कराने का निर्णय लिया गया था. जिसके तहत बिहार की राजधानी पटना और पूर्णिया जिले में ट्रायल भी कराया जा रहा है. यदि बिहार के प्रत्येक जिले में प्रीपेड मीटर का प्लान चालू कर दिया जाता है. तो काफी हद तक बकायेदारों की संख्या कम हो जायेगी और विभाग को भी राजस्व का फायदा होगा.
कहते हैं राजस्व पदाधिकारी
विद्युत विभाग कटिहार के राजस्व पदाधिकारी तापस कुमार ने बताया कि सरकारी विभाग के पास करोड़ों का बकाया है. जो धीरे-धीरे वसूला जा रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पहले जिले का राजस्व 13 करोड़ आता था. वर्तमान में 11 करोड़ आ रहा है. उन्होंने संभावना जताई है कि इस महीना के अंत से राजस्व में पूर्व की तरह बढ़ोतरी होने की उम्मीद विभाग लगा रहा है.
कहते हैं विद्युत कार्यपालक अभियंता
विद्युत कार्यपालक अभियंता आपूर्ति मो अरमान ने बताया कि प्रीपेड मीटर लगाने की योजना कटिहार में नहीं आयी है. यदि ऐसा होता है तो उपभोक्ताओं के साथ-साथ विभाग के पदाधिकारी और कर्मियों के लिए भी एक बहुत बड़ी पहल होगी.
posted by ashihs jha