ब्लड सेंटर में नहीं होती नियमित साफ-सफाई

फर्श पर हर तरफ पड़े है खून के धब्बे, डोनेशन करनेवाले को इंफेक्शन का सताता है डर

By Prabhat Khabar News Desk | May 9, 2024 10:15 PM

कटिहार. सदर अस्पताल ब्लड सेंटर अधिकारियों की अनदेखी लचर व्यवस्था के कारण बदहाल अवस्था की आंशु बहा रहा है. सबसे बड़ी बदहाल अवस्था यहां की साफ सफाई को लेकर है. जिस पर अधिकारियों का नजर नहीं जा रहा है. कहने को तो ब्लड सेंटर सदर अस्पताल का अंग है. लेकिन इसकी साफ सफाई का जिम्मा अन्य कार्यों को लेकर भी अस्पताल प्रशासन अपने हाथ खड़े किए हुए हैं. जहां पर नियमित साफ सफाई की जरूरत है. उस स्थान को अपने हाल में छोड़ दिया गया है. खामियाजा नियमित साफ सफाई नहीं होने के कारण ब्लड सेंटर में जहां ब्लड संग्रह किया जाता है. उस कक्ष के फर्श पर ब्लड गिरने से जमीन पर ब्लड के डब्बे पड़ गये हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि साफ सफाई को लेकर अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं जा रहा है. इसके अलावा लोगों के लिए शुद्ध पेय जल तक की व्यवस्था तक नहीं है. बिल्डिंग बनने पर जब बिजली की वायरिंग की गई थी. उस वायरिंग पड़ ही बिजली की आपूर्ति चल रही है. जरा सा लोड नहीं बढ़ता की तार और बिजली के उपकरण फूंक जाते हैं. ब्लड बैंक के इसी हाल के बीच ऐनकवास प्रमाणीकरण को लेकर पिछले दिनों पहुंचे केंद्र की टीम भी जब ब्लड बैंक पहुंची तो वहा की साफ सफाई को लेकर बिफर पड़े थे. दरअसल सदर अस्पताल की साफ सफाई को लेकर एनजीओ की ओर से टेंडर कर हर व्यवस्था को दुरुस्त रखा गया है. लेकिन सदर अस्पताल का अंग ब्लड सेंटर जहां पर साफ सफाई को लेकर कोई ध्यान नहीं है. जबकि यह स्थान सबसे ज्यादा संवेदनशील स्थान में है. जहां पर ब्लड का संग्रह होता है और ब्लड को पूरे महफूज के साथ स्टोर में रखा जाता है. फर्श पर गिरे खून के धब्बे से ब्लड डोनरों के अंदर भी कई तरह की बातें उन्हें विचलित करती है.

ब्लड बैंक कर्मी अपने पैसों से कराते हैं साफ-सफाई

ब्लड सेंटर में साफ सफाई का हाल ऐसा है कि ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मी अपने पैसे देकर ब्लड बैंक कि साफ सफाई कराते हैं. नियमित साफ सफाई नहीं होने से ब्लड बैंक में कचरा फैला रहता है. इसके अलावा बड़ी परेशानी ब्लड बैंक में आने वाले डोनर के लिए शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है. पूरे ब्लड बैंक में आरओ तक नहीं लगे हुए हैं. पानी के लिए भी लोगों को बाहर से ही खरीदारी कर पानी पीने के लिए विवश होना पड़ता है. ब्लड रखने के लिए नए फ्रिज लगाए गए हैं. लेकिन आदम जमाने का ही वायरिंग पर मशीनों का संचालन हो रहा है. कई बार तो लोड बढ़ने के बाद पूरी तार भी जल गयी हैं. इधर-उधर से तार खींचकर किसी तरह से ब्लड बैंक में सभी बिजली का संचालन भी किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त बिजली सप्लाई को लेकर भी ब्लड बैंक अस्पताल के भरोसे रहना पड़ता है. पहले ब्लड बैंक में बिजली सप्लाई को लेकर अपना जनरेटर हुआ करता था. लेकिन अभी सदर अस्पताल के भरोसे ही बिजली की सप्लाई होती है. इस बीच यदि सिविल लाइट कट जाती है तो जनरेटर के बिजली के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है. कुल मिलाकर सदर अस्पताल प्रशासन का ब्लड सेंटर के रखरखाव साफ सफाई अन्य संसाधन को लेकर कोई ध्यान नहीं है. जबकि ब्लड बैंक लोगों के लिए एक लाइफ लाइन है, जो इमरजेंसी सेवा है, कभी भी किसी को ब्लड की जरूरत पड़ती रहती है. इसके बावजूद भी इसके रखरखाव मेंटेनेंस को लेकर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.

कहते हैं ब्लड बैंक प्रभारी

ब्लड बैंक प्रभारी डॉ आर सुमन ने बताया कि साफ-सफाई और अन्य कई सुविधाओं को लेकर सदर अस्पताल प्रशासन को कई बार लिखित तौर पर ध्यान आकृष्ट कराया गया है. इसके बावजूद भी इस पर कोई ध्यान नहीं है. ब्लड सेंटर बेहद ही संवेदनशील स्थान है. जहां हर चीज को अपडेट रखना पड़ता है. खास करके साफ-सफाई को लेकर तो विशेष ध्यान देने की जरूरत है. लेकिन इस और किसी का कोई ध्यान नहीं है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह इस संदर्भ में बताया कि ब्लड सेंटर की साफ सफाई और हर मेंटेनेंस को लेकर पहले अलग से फंड आया करता था, जो अभी बंद है. साफ-सफाई को लेकर इनकी व्यवस्था की जा रही है. बहुत जल्द इस दिशा में काम भी शुरू हो जायेगा.

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